आगरा, । वसंत पंचमी पर ठा. बांकेबिहारी ने भक्तों संग होली खेल ब्रज में होली का आगाज किया। मंदिर में श्रृंगार आरती के समय शुरू हुई होली का आनंद लेने को भक्तों की भीड़ टूट पड़ी। मंदिर प्रबंधन की कोविड गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ती रहीं। भक्तों का उत्साह ऐसा कि प्रबंधन की पाबंदियों को दरकिनार कर मंदिर में प्रवेश कर गए और आराध्य के प्रसादी रंग के एक-एक कण में सराबोर होने को उत्साहित नजर आए। सुबह मंदिर परिसर में उड़े गुलाल में सराबोर होकर भक्त आल्हादित होते नजर आ रहे थे। वसंत पंचमी पर शाहजी मंदिर में खुले वसंती कमरे में विराजमान होकर ठाकुरजी ने भक्तों को दर्शन दिए, तो अद्भुत और आकर्षक वसंती कमरे ने भक्तों को मुग्ध कर दिया।
ठा. बांकेबिहारी मंदिर में शनिवार की सुबह वसंत पंचमी पर नजारा अद्भुत था। वसंती परिवेश में सजे मंदिर में गैंदा के फूलों के झाड़ और दीवालों पर मालाएं फाग की दस्तक की गवाही दे रही थीं। मंदिर के पट खुले तो होली के रंगों में सराबोर होने को सालभर से इंतजार कर रहे भक्तों के सब्र का बांध टूटा और मंदिर में सारी व्यवस्थाओं को ताक पर रखकर प्रवेश कर गए। भक्तों की भीड़ से खचाखच भरे परिसर में जब श्रृंगार आरती के बाद सेवाधिकारियों ने ठाकुरजी का प्रसादी गुलाल उड़ाया तो उसमें सराबोर होने को हर भक्त लालायित नजर आया। पीछे से आगे बढ़ने की जद्दोजहद में श्रद्धालुओं को धकियाते हुए देखा गया। सुबह शुरू हुआ होली का उत्सव दोपहर राजभोग आरती तक जारी रहा।
वसंती कमरे की आभा ने मोह लिया भक्तों का मन
रंगबिरंगे झाड़-फनूस, कलात्मक दर्पण से निकलती प्रकाश की अद्भुत किरणें और कमरे के बीच फव्वारों के सामने रत्नजड़ित सिंहासन पर विराजमान ठा. राधारमणलालजू की झलक को अपलक निहारते भक्त कमरे की आभा में डूबे नजर आए। कभी भक्त आराध्य को निहारते, तो कभी कमरे की आभा में डूबे नजर आए। जो कमरे में प्रवेश कर गया, वह टस से मस होने का नाम नहीं ले रहा था। मंद मंद स्वरों में भजनों की धुन पर मन ही मन आनंदित भक्त वसंती कमरे की आभा में डूबे नजर आए।