पटना, । बिहार के पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से 30 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर अपनी नीति बदलकर सबको हैरान कर दिया है। अब तक मुआवजे के लिए सीधे तौर पर इनकार करने वाले सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को जहरीली शराब से मरनेवालों के परिवार को चार-चार लाख मुआवजा देने का एलान किया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मृतकों के परिवार वालों को मुआवजा दिया जाएगा। शराबबंदी के बाद 2016 से जहरीली शराब के मृतकों के परिवार वालों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख का मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि, सीएम ने इसके लिए एक शर्त रख दी है।
सीएम ने मुआवजे के लिए रखी शर्त
सीएम ने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु जहरीली शराब से हुई है, उनके परिवार हमें लिखित में देंगे कि वे राज्य में शराबबंदी के पक्ष में हैं और वे शराब पीने के खिलाफ हैं तो हम उनकी मदद करेंगे। उन्हें हम मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख रुपए देंगे। 2016 के बाद जहरीली शराब पीने से मरने वालों के परिजन हमें अर्जी देंगे तो उन्हें हम सहायता राशि देंगे।
नीतीश के फैसले से विपक्ष को झटका
शराबबंदी पर अपनी नीति बदलकर नीतीश कुमार ने विपक्ष को बड़ा झटका दिया है। दिल्ली से लौटने के बाद जहां सीएम नीतीश के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने की चर्चा है। वहीं, सिवान, सारण के बाद मोतिहारी में जहरीली शराब से दो दर्जन से अधिक मौतों के बाद विपक्ष उनपर हमलावर था। मोतिहारी में अबतक 30 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो गई है। कई की हालत गंभीर है।
सीएम ने कहा था- एक पैसा नहीं देंगे
उल्लेखनीय है कि पिछले साल छपरा में जहरीली शराब से 74 लोगों की मौत के समय जब विपक्ष बिहार सरकार से मुआवजा की मांग कर रही थी, तब सीएम ने साफ कहा था कि एक पैसा नहीं देंगे। नीतीश कुमार ने कहा था कि दारू बंद है। फिर भी लोग पी रहे हैं। पीकर मरे हैं तो क्या सरकार मुआवजा देगी। जो शराब पीयेगा, वो मरेगा ही। सीएम के इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना भी हुई थी।