- नई दिल्ली, कोरोना वायरस से देश में हालत बिगड़ते जा रहे हैं। कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए शिवसेना ने मुखपत्र सामना में सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाए हैं। शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कहा है, ”सुप्रीम कोर्ट ने देश की कोरोना वायरस स्थिति पर अब जाकर संज्ञान लिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक नेताओं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह द्वारा किए गए रोड शो और हरिद्वार कुंभ पर समय रहते ध्यान दिया होता तो देश में आज ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होती।” भारत में कोरोना वायरस के हर दिन 3 लाख के ज्यादा मामाले आ रहे हैं और 2 हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
विधानसभा चुनावों को लेकर कई राजनेताओं ने चुनावी प्रचार अभियान के तहत मार्च और अप्रैल में रैलियां की गई थी। ऐसी रैलियों में सैकड़ों लोगों को कोविड-19 मानदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए देखा गया था। हालांकि अब चुनाव आयोग (ईसीआई) ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल चुनाव के शेष चरणों के लिए रोड शो और वाहन रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि 500 से अधिक लोगों की किसी भी सार्वजनिक बैठक की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चुनाव आयोग के आदेश के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी राज्य में अपनी रैलियों को रद्द करने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 अप्रैल को पश्चिम बंगाल में अपनी सभी रैलियों को स्थगित कर दिया था और अन्य नेताओं से भी रैली ना करने की अपील की थी। राहुल गांधी ने कहा था, “कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर, मैं पश्चिम बंगाल में अपनी सभी सार्वजनिक रैलियों को निलंबित कर रहा हूं। मैं सभी राजनीतिक नेताओं को मौजूदा परिस्थितियों में बड़ी सार्वजनिक रैलियों के आयोजन के परिणामों के बारे में गहराई से सोचने की सलाह दूंगा।”