- श्रीनगर, । जम्मू कश्मीर में पिछले 5 दिनों के अंदर 7 स्थानीय नागरिकों की मौत से घाटी में दहशत का माहौल है। आतंकियों ने स्थानीय गैर मुस्लिम लोगों में दहशत पैदा करने के लिए उनकी हत्याएं करना शुरू कर दिया है। इसी हफ्ते बुधवार को 3 और गुरुवार को 2 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं को लेकर शुक्रवार को घाटी में विरोध प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन अधिकतर गैर मुस्लिम लोग शामिल हुए, जिन्होंने गुरुवार को ईदगाह इलाके में हुई घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की।
प्रिंसिपल सुपिंदर कौर के अंतिम संस्कार में उमड़ा सिखों का हुजूम
दरअसल, ईदगाह इलाके में गुरुवार को आतंकियों ने एक सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल और एक टीचर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शुक्रवार को स्कूल की प्रिंसिपल सुपिंदर कौर के अंतिम संस्कार में सिखों ने जुलूस निकाला और आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने ‘हमें न्याय चाहिए’ जैसे नारे लगाए और आतंकियों को ये संदेश दिया कि वो अपने मंसूबों में कभी कामयाबी नहीं होंगे। आपको बता दें कि ईदगाह इलाके में मारी गई दूसरी टीचर एक कश्मीरी पंडित थी।
हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा- उपराज्यपाल
आपको बता दें कि घाटी में हो रही इन हत्याओं को लेकर स्थानीय लोगों में बहुत गुस्सा है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। वहीं जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इन हमलों को नहीं रोक पाने में लापरवाही की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा है कि हमारे पास इन हमलों का कोई विशेष इनपुट नहीं था। एलजी ने कहा कि यह घटनाएं सीमा पार और जम्मू-कश्मीर के भीतर आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले तत्वों द्वारा किया गया है। इसके अलावा घाटी में टूरिज्म और औद्योगिक निवेश को बाधित करने की एक कोशिश है। उपराज्यपाल ने कहा है कि हत्यारों को बख्शा नहीं जाएगा, ये हमारा वादा है।