कोलंबो में हालात पर सतर्क नजर रखे हुए है भारतीय उच्चायोग
पिछले महीने ही भारत ने श्रीलंका की स्थिति की समीक्षा के लिए विदेश सचिव विनय क्वात्रा के साथ वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और प्रमुख आर्थिक सलाहकार डा.वी अनंथ नागेश्वरन को कोलंबो भेजा था। अधिकारी बताते हैं कि इस टीम ने कोलंबो स्थित भारतीय उच्चायोग के साथ जो विमर्श किया था उसमें एक बात स्पष्ट तौर पर सामने आई थी कि एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व के बिना वहां के हालात को ठीक नहीं किया जा सकता। पूर्व पीएम महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद वहां हालात सुधरने की जो संभावना बनी थी, उस पर भी पानी फिर गया है।
भारत ने वहां के ताजे हालात पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है लेकिन यह बताया गया है कि भारतीय उच्चायोग पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए है। भारत यह भी देख रहा है कि श्रीलंका के हालात को लेकर वैश्विक बिरादरी किस तरह का रवैया अपना रही है, खास तौर पर चीन की प्रतिक्रिया क्या होती है। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद विक्रमसिंघे ने भारत से 1.5 अरब डालर की अतिरिक्त मदद मांगी थी। सूत्रों का कहना है कि भारत की नजर श्रीलंका और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के बीच होने वाली वार्ता पर भी है।