वर्ष 2000 में लेखिका अमृता प्रीतम को दिया गया था यह अवार्ड
उन्होंने कहा कि दोनों पंजाबों के सांझे कवि के अवार्ड के तौर पर दिया जाने वाला यह पुरस्कार 22 साल बाद चढ़ते पंजाब के हिस्से आया है। इससे पहले वर्ष 2000 में यह पुरस्कार अमृता प्रीतम को दिया गया था। इस पुरस्कार में सैय्यद वारिस शाह की मजार की चादर, सम्मान चिन्ह व सम्मान पत्र भेंट किए जाते हैं। हवा च लिखे हरफ, लफजां दी दरगाह, सुर जमीन, इह बात निरी एनी ही नहीं जैसी काव्य पुस्तकों के रचियता सुरजीत पातर विश्व भर में पंजाबी कविता के दूत के तौर पर जाने जाते हैं।
इस पुरस्कार का एलान होने के बाद डा. सुरजीत पातर ने कहा कि सर्व सांझे कवि के तौर पर वारिस शाह के नाम पर उन्हें मिलने वाले इस पुरस्कार को वह अब तक मिले सभी पुरस्कारों में बड़ा समझते हैं।
पंजाब कला परिषद के सचिव व पंजाबी साहित्य अकादमी के प्रधान डा. लखविंदर सिंह जौहल, पंजाब संगीत नाटक अकादमी के प्रधान केवल धालीवाल, पंजाब ललित कला अकादमी के प्रदान दीवान माना, पंजाबी चिंतक अमरजीत ग्रेवाल, लोक मंच पंजाब के प्रधान सुरिंद्र सिंह सुन्न, डा. हरजिंदर सिंह अटवाल, दीपक शर्मा, जसवंत जफर, स्वर्णजीत सवी, पंजाब जागृति मंच के प्रधान व प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह ने डा. सुरजीत पातर को यह पुरस्कार मिलने पर बधाई दी है।