नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा दे दिया है। अप्रैल-मई 2021 में विधानसभा चुनाव है। कई बड़े नेता टीएमसी छोड़ रहे हैं।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस नेता दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में सदन की सदस्यता से इस्तीफे की पेशकश की। आसन ने उन्हें उचित प्रक्रिया का पालन करने को कहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी राज्यसभा में बजट पर बोल रहे थे। वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
दिनेश त्रिवेदी कई बार कह चुके हैं कि वह टीएससी छोड़ देंगे। 2019 में वह लोकसभा चुनाव हार गए थे। बंगाल चुनाव में भाजपा और टीएमसी में मुकाबला होने की उम्मीद है। अभी तक 10-15 बड़े नेता पार्टी छोड़ चुके हैं।
टीएमसी विधायक ने ममता को पत्र लिख चुनाव लड़ने में असमर्थता जताई
पश्चिम बंगाल में बर्धमान सीट से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के 79 वर्षीय विधायक डी. रबीरंजन चट्टोपाध्याय ने कहा था कि वह अपनी उम्र और सेहत संबंधी मसलों की वजह से आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे।
चट्टोपाध्याय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी और लगातार दो कार्यकाल के लिए सेवा करने का मौका देने के वास्ते उनका आभार जताया। वरिष्ठ नेता तकनीकी शिक्षा एवं प्रशिक्षण और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के मंत्री भी रह चुके हैं। बंगाल में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर किया था हमला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा को अपना यह आरोप साबित करने की चुनौती दी कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र द्वारा राज्य को भेजे गए धन का दुरुपयोग किया है। बनर्जी ने कहा कि भाजपा द्वारा यह साबित नहीं कर पाने पर नरेंद्र मोदी सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने कोलकाता में गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज संगठनों के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दावा किया कि भाजपा नेता अमित शाह द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से अहंकार की बू आ रही है और यह एक केंद्रीय गृह मंत्री को शोभा नहीं देता।
केंद्रीय गृह मंत्री को शोभा नहीं देताः उल्लेखनीय है कि शाह वर्तमान में राज्य के दौरे पर हैं। बनर्जी ने कहा, ”भाजपा अक्सर कहती है कि टीएमसी भ्रष्ट है, टीएमसी ने पैसे का दुरुपयोग किया। यह मोदी का पैसा नहीं है। यह एक सरकार द्वारा दूसरे को भेजा जाता है। तब आपको राज्य से कर एकत्रित नहीं करना चाहिए और तब उसे वापस देने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। यदि आप आरोप साबित नहीं कर सकते, तो आपको इस्तीफा देना होगा।” उन्होंने कहा, ”आप लगातार हम पर बुआ-भतीजा कहकर हमला करते हैं। आपके बेटे का क्या श्रीमान शाह? उन्हें इतने पैसे कहां से मिलते हैं?”
बनर्जी ने कहा कि शाह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर बोलने के लिए पश्चिम बंगाल आए हैं, लेकिन वह इसे राज्य में लागू नहीं होने देंगी। बनर्जी ने कहा, ”हम हमेशा पश्चिम बंगाल में सभी का स्वागत करते हैं। लेकिन अमित शाह द्वारा आज की गई टिप्पणी अनुचित है और उससे सत्ता की भूख का पता चलता है। मैं बहुत स्पष्ट रूप से कह रही हूं, गृह मंत्री द्वारा ऐसे शब्द अच्छे नहीं लगते।” टीएमसी प्रमुख ने कहा कि वह एक भी ऐसा शब्द नहीं बोलेंगी जो अशोभनीय हो।
राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखनी चाहिएः उन्होंने कहा, ”सभी राजनीतिक दलों को गरिमा बनाए रखनी चाहिए। शिष्टाचार एकतरफा नहीं हो सकती। यह दोनों ओर से होनी चाहिए।” मुख्यमंत्री ने भाजपा पर लोगों को गुमराह करने के लिए सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और फेक वीडियो फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, ”किसानों को लूटने के बाद, मुझे अपने धर्म का पालन नहीं करने देने के बाद, दंगे करने के बाद, आप बंगाल चाहते हैं? मैं इन लोगों के सामने नहीं झुकूंगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में गुंडागर्दी है, लेकिन वह पश्चिम बंगाल में इसकी अनुमति नहीं देंगी। उन्होंने कहा, ”बंगाल को शांति से रहने दें। भाजपा को राज्य में सत्ता में नहीं आने देना चाहिए। मैं सभी से बंगाल के सम्मान की रक्षा करने की अपील करती हूं।” राज्य में अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। बनर्जी ने कहा कि वह भाजपा से नहीं डरती। उन्होंने कहा, ”मैं सड़क पर उतरकर लड़ने वाली हूं। मैं अंत तक लड़ूंगी।”
त्रिपुरा के लोग भाजपा पार्टी को सत्ता में लाने पर पछता रहे हैंः बनर्जी ने कहा, ”एक निष्पक्ष खेल होने देते हैं। वाम और कांग्रेस आपकी (भाजपा की) टीम में हो सकते हैं और हम अकेले लड़ेंगे। मैं केवल एक गोलकीपर बनूंगी और देखते हैं कि आप कितने गोल कर सकते हैं।” बनर्जी ने दावा किया कि पड़ोसी त्रिपुरा के लोग भाजपा पार्टी को सत्ता में लाने पर पछता रहे हैं।