काठमांडूः नेपाल में भारत की मदद से बनाई गई सड़क का उद्घाटन गुरुवार को महावाणिज्य दूत नितेश कुमार और रोड डिविजन चंद्रनिगाहपुर के प्रमुख बिनोद कुमार ने संयुक्त रूप से किया। सीमा विवाद के बावजूदयह सड़क खुलने से भारत के सीमावर्ती क्षेत्र और इस हिमालयी देश के कई इलाकों के बीच आवाजाही सुगम होने की उम्मीद है। नेपाल और भारत ने 108 किलोमीटर लंबी नव निर्मित यह सड़क भारतीय सीमा को इस पड़ोसी देश के कई इलाकों से जोड़ती है।
भारतीय दूतावास ने बताया कि भारत की सहायता से बनी सड़क भारतीय सीमा लक्ष्मीपुर-बलारा को नेपाल के सरलाही जिले के गढ़ैया से जोड़ती है। भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाली नव निर्मित सड़क लोगों की आवाजाही को सुगम बनाएगी। भारत सरकार ने सड़क निर्माण के लिए चार करोड़ 44 लाख रुपए की वित्तीय मदद मुहैया कराई थी। इस सड़क के बनने से भारतीय सीमा नेपाल के लक्ष्मीपुर, बलारा और गड़हिया इलाकों से जुड़ गई है। इस सड़क का निर्माण ‘नेपाल-भारत विकास सहयोग’ के तहत किया गया है।
बयान में कहा गया है कि यह सड़क परियोजना चंद्रनिगाहपुर रोड डिविजन के तहत आती है। भारत-नेपाल सीमा को जोड़ने वाली इस नवनिर्मित सड़क से आवाजाही आसान होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि पिछले साल मानसरोवर लिंक को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था जब भारत के सड़क निर्माण करने पर नेपाल ने आपत्ति जताई थी। नेपाल ने दावा किया था कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसके क्षेत्र हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देश का नया नक्शा भी जारी कर दिया था।