सुप्रीम कोर्ट ने 9 दिसंबर को इस पर अपनी अलग-राय रखी थी. फरवरी में यह मामला मार्च तक के लिए खिसका दिया गया. इस निरंतर देरी ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि गांगुली और शाह को अपने पदों से नहीं हटाया जा सकता.
बीसीसीआई का संविधान अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और खजांची को इस बात की इजाजत देता है कि वे तीन साल तक कूलिंग ऑफ पीरियड में बने रह सकते हैं, यह सुविधा छह साल लगातार अपने पद पर बने रहने के बाद मिलती है. तीन साल के कूलिंग आफ पीरियड के बाद तीन साल का और समय मिल सकता है. यानी वह 9 साल तक पद पर बने रह सकता है.यह उन सात अहम नियमों में से एक है, जिस पर पूरा संविधान खड़ा है. इसमें ही बीसीसीआई ने संशोधन किया है. इसमें किसी भी तरह का संशोधन पदाधिकारियों को अपने पद पर बने रहने की छूट देता है. 23 अक्टूबर 2019 को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद पर सौरव गांगुली बैठे थे. पहले कार्यकाल में वह केवल 278 दिन प्रमुख बने रहे. जुलाई 2014 में वह कैब में संयुक्त सचिव बने थे.