लखनऊ, । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से मंगलवार को इस्तीफा देने वाले कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ डा.धर्म सिंह ने अपने समर्थकों के साथ शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। उनके साथ भाजपा से इस्तीफा देने वाले छह विधायक भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
ओबीसी वर्ग के कद्दावर नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनके साथ पूर्व मंत्री डॉ.धर्म सिंह सैनी भी थे। इन सभी को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर कहा कि आज भाजपा के खात्मे का शंखनाद बज गया है। भाजपा ने देश और प्रदेश की जनता को गुमराह कर उनकी आंखों में धूल झोंकी है और जनता का शोषण किया है। अब भाजपा का खात्मा करके उत्तर प्रदेश को भाजपा के शोषण से मुक्त कराना है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में सैकड़ों समर्थक ढोल नगाड़ों के साथ मौजूद थे। यह सभी लोग जश्न मना रहे थे।
पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी ने कहा कि पिछले पांच वर्ष में पिछड़ों, दलितों का राजनीतिक, आर्थिक, रोजगार और आरक्षण के क्षेत्र में पूरी तरह से शोषण हुआ। इसे देखते हुए हम पिछड़े, दलित वर्ग के लोग मकर संक्रांति के समय समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले नेता
स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ शुक्रवार को पूर्व मंत्री डा.धर्म सिंह सैनी, विधायक भगवती प्रसाद सागर, विनय शाक्य, रोशनलाल वर्मा, डा. मुकेश वर्मा, ब्रजेश प्रजापति व चौधरी अमर सिंह, पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व मंत्री रामहेत भारती, पूर्व विधायक नीरज मौर्य, बलराम सैनी, राजेंद्र प्रसाद पटेल, विद्रोही धनपत राम मौर्य, बंशी पहाडिय़ा, अमर नाथ सिंह मौर्य, रामावतार सैनी, अली यूसुफ अली, आरके मौर्य, दामोदर मौर्य तथा बसपा प्रमुख मायावती के मुख्य सुरक्षा अधिकारी रहे पदम सिंह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा की सहयोगी अपना दल-एस के सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ़ के विधायक चौधरी अमर सिंह भी समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसको लेकर एक ट्वीट भी किया है। 14 जनवरी मकर संक्रांति। स्वामी का बजा बिगुल क्रांति। बीजेपी का टूटा है भ्रांति। बीजेपी अंत का है शंखनादि।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार पर दलितों, पिछड़ों, किसानों, शिक्षित बेरोजगारों छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों सहित जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा का आरोप लगाया है। कभी बसपा में एक साथ राजनीति करने वाले डा. धर्म सिंह सैनी, विनय शाक्य, भगवती प्रसाद सागर और ब्रजेश प्रजापति भाजपा छोडऩे के लगातार बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के आवास पर एकजुट थे।