दरअसल, वित्त मंत्री से यह पूछा गया था कि क्या स्विस बैंक में भारतीयों की तरफ से जमा की गई राशि में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में वृद्धि हुई है। इसके जवाब में सीतारमण ने कहा है कि हमारे पास कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है कि स्विस बैंक में भारतीय नागरिकों या कंपनियों ने कितनी राशि जमा की है। बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह खबर आई थी कि इस दौरान यह राशि बढ़ी है। हालांकि स्विस अधिकारियों ने इस बारे में भारतीय मीडिया में छपी रिपोर्टों को गलत बताया और कहा है कि आमतौर पर स्विस बैंक में जमा की गई राशि को काला धन मान लिया जाता है, जो सही नहीं है। स्विस बैंक के अधिकारियों ने लोकेशनल बैंकिंग स्टैटिस्टिक्स के आधार पर इनका अनुमान लगाने को कहा है। इस आधार पर यह बताया गया कि असलियत में भारतीय नागरिकों की तरफ से स्विस बैंकों में जमा राशि में 8.3 प्रतिशत की कमी आई है।
एचएसबीसी मामले में 8,468 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला
सरकार की तरफ से विदेश से काला धन लाने की चल रही कोशिशों के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि एचएसबीसी मामले में 31 मई, 2022 तक 8,468 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है और इस पर 1294 करोड़ रुपये का टैक्स लगाया गया है। अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों ने विश्व भर में एचएसबीसी के उस नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, जिसके तहत दुनिया भर के रसूखदार लोग अपनी काली कमाई एक जगह से दूसरी जगह भेजते थे। इसमें भारत से जुड़े मामले भी शामिल थे।
14,820 करोड़ की टैक्स वसूली की प्रक्रिया शुरू की
वित्त मंत्री ने कहा कि जहां तक विदेश में जमा अघोषित धन को स्वदेश लाने की बात है तो इस संबंध में बनाए गए काला धन कानून, 2015 के तहत कुल 648 मामलों में 4,164 करोड़ रुपये की राशि अघोषित आय का पता चला है। इनमें से 368 मामलों में जांच पूरी हो गई है और इनसे 14,820 करोड़ रुपये कर मांगा गया है। यह राशि पेनाल्टी और ब्याज समेत है। अभी तक 2,476 करोड़ रुपये का टैक्स व पेनाल्टी वसूला गया है।