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हड़ताल खत्म, बिजली चालू, लेकिन चंडीगढ़ के लोग नहीं भूलेंगे वो 41 घंटे,


चंडीगढ़। Chandigarh Power Cut: चंडीगढ़ में बिजली कर्मियों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। वहीं, सेना के जवानों ने चंडीगढ़ की बिजली को बहाल किया। बुधवार रात से सिटी ब्यूटीफुल फिर से जगमगाने लगा है। लेकिन दो दिन तक चली हड़ताल ने शहर को झकझोर दिया है। बिजली विभाग के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों की ये हड़ताल चंडीगढ़ के हर वर्ग को हमेशा याद रहेगी। क्योंकि चंडीगढ़ के लोगों ने 40 घंटे से ज्यादा समय बिना बिजली और पानी के गुजारा है। पूरा शहर अंधेरे में डूब गया था, चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ था। सोमवार रात 12 बजे से बुधवार 10 बजे तक शहर के कई हिस्से अंधेरे में डूबे रहे। शहर में ब्लैकआउट था। बिजली के साथ लोगों को पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ा। ऐसे में ये दो दिन शहर के लोगों के लिए काले दिन से कम साबित नहीं हुए हैं।

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी ही साथ में शहर को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा है। चंडीगढ़ में करीब 41 घंटे बिजली कर्मचारियों की हड़ताल रही। इस दौरान सबसे बड़ा नुकसान इंडस्ट्री को हुआ। बिजली नहीं आने से प्रोडक्शन वर्क बंद हो गया। एक अनुमान अनुसार इससे इंडस्ट्री को 100 से 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही ऑर्डर की डिलिवरी समय पर नहीं हो पाएगी। इंडस्ट्रियलिस्ट पहले से ही इस बात को लेकर चिंतित थे उन्होंने प्रशासन से जल्द बिजली बहाल की मांग भी की थी।

चंडीगढ़ की इंडस्ट्री हो जाती पूरी तरह ठप

चैंबर ऑफ चंडीगढ़ इंडस्ट्रीज के प्रेसिडेंट नवीन मंगलानी ने कहा कि इंडस्ट्री को इलेक्ट्रिसिटी ब्रेकडाउन से खासा नुकसान हुआ है। करीब 150 करोड़ रुपये का नुकसान 250 इंडस्ट्री को हुआ है। इंडस्ट्री की बड़ी मशीनें बिजली नहीं होने से बंद पड़ी रही। अब वह समय रहते ऑर्डर की डिलिवरी नहीं दे पाएंगे। हालांकि यह राहत भरी बात है कि हड़ताल खत्म हो गई। अगर यह 72 घंटे चलती तो इंडस्ट्री ठप हो जाती। प्रशासन को चाहिए कि आगे इस तरह की दिक्कत न हो इसके लिए प्लान पहले से तैयार होना चाहिए।