चंडीगढ़। हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में हरियाणवियों निजी क्षेत्र की नौकरी में 75 प्रतिशत आरक्षण के फैसले (हरियाणा स्टेट एंप्लॉयमेंट आफ लोकल कैंडिडेट एक्ट 2020) को पंजाब एवं हरियाणा में चुनौती दी गई है। मामले में हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। यह एक्ट 15 जनवरी को हरियाणा में लागू होना है, कोर्ट ने इससे पहले सरकार को इस मामले में जवाब दायर करने का आदेश दिया है।
इस मामले में फरीदाबाद इंडस्ट्रियल एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका में रोजगार अधिनियम 2020 को रद करने की मांग की गई है। याचिका में आशंका जताई गई है कि इस कानून के लागू होने से हरियाणा से इंडस्ट्री का पलायन हो सकता है तथा वास्तविक कौशलयुक्त युवाओं के अधिकारों का हनन है। याचिकाकर्ता एसोसिएशन के अनुसार 75 फीसद नौकरियां आरक्षित करने के लिए 2 मार्च, 2021 को लागू अधिनियम और 6 नवंबर, 2021 की अधिसूचना संविधान, संप्रभुता के प्रावधानों के खिलाफ है।