यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की खंडपीठ ने पारित किया। अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के पश्चात ही वर्तमान अपील की सुनवाई की जाए। इसके बाद न्यायालय ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए केस की अगली सुनवाई के लिए 27 सितम्बर की तिथि नियत कर दी है।
माना जा रहा था लखीमपुर खीरी से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सदस्य अजय मिश्रा टेनी के लिए आज बड़ा निर्णायक दिन है। नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह राज्य मंत्री के खिलाफ 22 वर्ष पुराने प्रभात हत्याकांड (Prabhat Gupta Murder Case) में मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में आज सुनवाई थी। अजय मिश्रा टेनी ने इस केस के हाई कोर्ट की मुख्य पीठ में ट्रांसफर के लिए भी अर्जी डाली है। लखीमपुर खीरी में 22 वर्ष पहले छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्या के मामले में आरोपित अजय मिश्रा टेनी को आज सजा सुनाई जानी थी। माना जा रहा था कि हाई कोर्ट लखनऊ बेंच में आज इस केस की अंतिम सुनवाई होगी।
प्रभात गुप्ता हत्याकांड में मई 2022 से अब तक पांच बार अंतिम सुनवाई की तारीख टल चुकी है। इससे पहले पिछली सुनवाई 22 अगस्त को हुई थी। इसमें अजय मिश्रा के वकील सलिल श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया था कि चीफ जस्टिस के पास केस ट्रांसफर की अर्जी डाली गई है। इसके बाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अगली सुनवाई छह सितंबर तय की थी।
लगातार टल रही है सुनवाई
मार्च 2018 में हाई कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया। इसके बाद पांच अप्रैल 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस सरोज यादव ने सुनवाई की और 16 मई 2022 को सुनवाई की अंतिम तारीख तय की। तब से लगातार किसी न किसी कारण से सुनवाई टलती रही है।
क्या है मामला
लखीमपुर खीरी के प्रभात गुप्ता के पिता ने आरोप लगाया था कि आठ जुलाई 2000 को पहले अजय मिश्रा ने प्रभात की कनपटी पर गोली मारी। उसके बाद दूसरे आरोपी ने सीने पर गोली मारी। जिससे मौके पर ही प्रभात की मौत हो गई। प्रभात गुप्ता हत्याकांड 22 वर्ष पुरानी घटना है। आठ जुलाई 2000 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कस्बे में प्रभात गुप्ता की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने आरोप लगाया था कि आठ जुलाई को तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में दिन में लगभग साढे तीन बजे प्रभात गुप्ता को दिनदहाड़े गोली मारी गई। आरोप है पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी, दूसरी गोली सुभाष मामा ने सीने में मारी। इसके बाद प्रभात गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई। एफआईआर में अजय मिश्रा टेनी समेत चार लोगों शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को नामजद किया गया था।
प्रभात गुप्ता हत्या मामले में अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की कार्रवाई शुरू हुई थी लेकिन बाद में कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया। हाई कोर्ट में जस्टिस डीके त्रिवेदी ने 5 जनवरी 2001 को टेनी को गिरफ्तारी पर मिली रोक को खारिज कर दिया था। इसके बाद दस मई 2001 को हाई कोर्ट में जस्टिस नसीमुद्दीन की बेंच ने टेनी की गिरफ्तारी का आदेश दिया। आदेश के मद्देनजर 25 जून 2001 को टेनी ने सरेंडर किया और अगले ही दिन यानी 26 जून 2001 को इस केस में उन्हें जमानत मिल गई। निचली अदालत ने 29 अप्रैल 2004 को अजय मिश्र समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। अगले 14 वर्ष तक लखनऊ हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई।