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हिमाचल में यहां इस बार नहीं होगा चिर प्रतिद्वंद्वी चाचा-भतीजे में मुकाबला


मंडी, , जोगेंद्रनगर में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार सुरेंद्र पाल ठाकुर के सामने प्रतिद्वंदी चाचा गुलाब सिंह ठाकुर नहीं होंगे। तीन विधानसभा चुनाव में आमने-सामने रहे दोनों नेताओं के बीच इस बार जंग नहीं होगी। अब की बार सुरेंद्र पाल ठाकुर के सामने निवर्तमान विधायक प्रकाश राणा होंगे। सुरेंद्र पाल ठाकुर के राजनीतिक करियर में यह पहला मौका होगा जब उनके सामने विरोधी के रूप में उनके चाचा गुलाब सिंह नहीं कोई अन्य उम्मीदवार होगा।

गुलाब सिंह ठाकुर के भतीजे हैं सुरेंद्र

कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पाल ठाकुर रिश्ते में पूर्व मंत्री गुलाब सिंह ठाकुर के भतीजे हैं। गुलाब सिंह ठाकुर ने भाजपा कांग्रेस के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनाव में उतर कर जीत का परचम लहराया है। सात बार जीत हासिल कर विधानसभा में पहुंचने में कामयाब रहे। चाचा-भतीजे में रिश्ते 1998 तक सामान्य ही रहे।

तब भतीज ने हरा दिया था चाचा को

1998 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद हिविकां-भाजपा गठबंधन सरकार में गुलाब सिंह ठाकुर की एंट्री से न केवल क्षेत्र के राजनीतिक समीकरण बदले बल्कि पारिवारिक रिश्तों में भी बदलाव शुरू हो गया। साल 2003 में सुरेंद्र पाल ठाकुर ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर अपने चाचा गुलाब सिंह ठाकुर को हरा दिया। इसके बाद 2007 और 2012 में चाचा भतीजे की चुनावी दंगल में टक्कर होती रही। गुलाब सिंह ठाकुर ने दोनों विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की।

प्रकाश राणा से हार गए थे दोनों चाचा-भतीजा

2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने फिर गुलाब सिंह ठाकुर को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा जबकि कांग्रेस ने सुरेंद्र पाल ठाकुर के स्थान पर जीवन ठाकुर को मैदान में उतारा लेकिन दोनों आजाद प्रत्याशी प्रकाश राणा से हार गए। इस बार कांग्रेस ने एक बार फिर सुरेंद्र पाल ठाकुर पर भरोसा जताते हुए उन्हें पार्टी का टिकट दिया है जबकि भाजपा की ओर से प्रकाश राणा चुनावी दंगल में उतरे हैं। चाचा के बजाय किसी अन्य उम्मीदवार के साथ सुरेंद्र पाल ठाकुर की यह पहली टक्कर होगी।