शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राजनीतिक घटनाक्रम एक रोमांचक स्थिति में पहुंच गया है। राज्यसभा की एक सीट के लिए हो रहे मतदान के बीच आज विधानसभा के भीतर सत्ता पक्ष पहले की तरह मजबूत स्थिति में नजर नहीं आया। जबकि विपक्ष आक्रामक स्थिति में था।
मंत्रियों और विधायकों को सदन से बाहर ले गए सीएम सुक्खू
कटौती प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के और से जोरदार तरीके से पक्ष रखा गया कि मतदान होना चाहिए। उसके बाद दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित होने से पहले सदन के भीतर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सभी मंत्रियों और विधायकों को सदन से बाहर ले जाते हुए दिखे।
विपक्षी सदस्यों के साथ दूर से ही वार्तालाप करते नजर आए
उनका यह कहना था कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, सब इसमें शामिल हों। इस बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सदन में खड़े रहे और विपक्षी सदस्यों के साथ दूर से ही वार्तालाप करते नजर आए। इससे पहले राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल का बचाव करते हुए पक्ष रखने का प्रयास किया।
विधायकों के मुरझा रहे चेहरे
लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं था और नारेबाजी शुरू कर दी। कुल मिलाकर मंगलवार को जहां राज्यसभा की एक सीट के लिए सुबह मतदान हुआ और दोपहर तक सभी 68 मतदान हो चुका था। उसके बाद राजनीतिक अटकलें तेज हो गई। मुख्यमंत्री से लेकर के सरकार के मंत्री और विधायकों के चेहरे मुरझाए हुए नजर आए, जबकि विपक्ष उत्साहित नजर आया।