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12वीं की परीक्षाएं रद्द नहीं करने वाले राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने भेजी नोटिस


  1. नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उन राज्यों को नोटिस जारी किया है जहां अब तक 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला नहीं किया गया है. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus In India) की स्थिति के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) की 12वीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द कराने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान शीर्ष अदालत ने 10 राज्यों को नोटिस जारी किया है.

वहीं केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि CBSE 12वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के लिए 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के नतीजों के आधार पर क्रमश: 30:30:40 का फॉर्मूला अपनाएगी. जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने बताया कि मूल्यांकन के फार्मूले से असंतुष्ट CBSE छात्रों को 12वीं कक्षा की परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा जो महामारी के हालात में सुधार होने पर करायी जाएगी.

31 जुलाई के पहले बोर्ड जारी करेंगे रिजल्ट

शीर्ष न्यायालय ने वेणुगोपाल से CBSE की योजना में विवाद समाधान की व्यवस्था की रूपरेखा पेश करने को कहा ताकि छात्रों की शिकायतों पर सुनवाई की जा सके. वेणुगोपाल ने पीठ को आश्वस्त किया कि छात्रों की किसी भी चिंता के निदान के लिए एक समिति गठित की जाएगी. न्यायालय ने कहा कि नतीजों की घोषणा और 12वीं कक्षा की प्रस्तावित परीक्षा कराने के लिए समयसीमा भी स्पष्ट की जाए. न्यायालय ने कहा कि उसने कुछ याचिकाकर्ताओं की दलीलों को भी खारिज कर दिया है कि बोर्ड परीक्षाएं रद्द कराने का फैसला वापस लिया जाना चाहिए.

सुनवाई के दौरान सीबीएसई ने कोर्ट को बताया कि 12वीं के रिजल्ट 31 जुलाई के पहले जारी कर दिए जाएंगे. ICSE बोर्ड ने भी कहा कि वह 31 जुलाई के पहले रिजल्ट जारी कर देगा हालांकि इससे पहले संस्था ने 20 जुलाई की डेट दी थी. ICSE बोर्ड ने कहा कि 12वीं का रिजल्ट बनाने में 11वीं के इंटर्नल मार्क्स को भी जोड़ सकते हैं.