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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी बोस पर छेड़खानी का आरोप,


कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कोलकाता राजभवन में रात्रि विश्राम से चंद घंटे पहले शाम को वहां की एक अस्थायी महिला कर्मी ने राज्यपाल डा सीवी आनंद बोस पर छेड़खानी का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत की है।

 

दूसरी तरफ राज्यपाल ने इसे उन्हें बदनाम कर चुनाव में फायदा उठाने की साजिश करार दिया है। राजभवन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया-‘ राजभवन के कर्मचारी राज्यपाल के विरुद्ध राजनीतिक दलों के एजेंट के तौर पर दो असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा गढ़े गए मनगढ़ंत आरोपों के विरुद्ध एकजुट हैं। राज्यपाल ने इस पर कहा है-

सत्य की जीत होगी। मैं गढ़े गए नैरेटिव से डरूंगा नहीं। अगर कोई मुझे बदनाम करके किसी तरह का चुनावी फायदा उठाना चाहता है तो भगवान उसका भला करे,  लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।’

अस्थायी महिला कर्मचारी ने की शिकायत

मीडिया में राजभवन की एक अस्थायी महिला कर्मचारी की ओर से थाने में शिकायत किए जाने की बात सामने आई है। हालांकि, राजभवन की ओर से दो कर्मचारियों का जिक्र करते हुए इसे साजिश करार दिया गया है। दूसरा कर्मचारी कौन है, उसने राज्यपाल के विरुद्ध क्या शिकायत की है या फिर वह उक्त महिला कर्मी के समर्थन में है, इसका अभी पता नहीं चल पाया है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला ने गुरुवार शाम सात बजे हेयर स्ट्रीट थाने जाकर लिखित में शिकायत करते हुए दावा किया कि राज्यपाल ने उसके साथ दो बार छेड़खानी की। पहली घटना गत 24 अप्रैल को हुई। उसके बाद गुरुवार शाम राज्यपाल ने फिर उसके साथ छेड़खानी की।

महिला का आरोप है कि राज्यपाल ने उसे बायोडाटा के साथ राजभवन स्थित अपने चेंबर में आने को कहा, जहां उसके साथ छेड़खानी की गई। महिला ने आगे बताया कि उसने पहले राजभवन में स्थित आउटपोस्ट में तैनात पुलिसकर्मियों से इसकी शिकायत की। वहां से उसे थाने में जाने को कहा गया। पुलिस की ओर से महिला का परिचय गोपनीय रखा गया है। पता चला है कि महिला 2019 से राजभवन में अस्थायी रूप से कार्यरत है। वह राजभवन परिसर में स्थित हास्टल में रहती है।

टीएमसी ने राज्यपाल पर साधा निशाना

दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने इसे लेकर राज्यपाल पर कड़ा निशाना साधा है। बंगाल की वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व पार्टी नेत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा-‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ओर जहां नारी शक्ति की बात कर रहे हैं, वहीं राज्यपाल नारी का अपमान कर रहे हैं। बंगाल की सांस्कृतिक व ऐतिहासिक भूमि पर यह किस तरह की घटना हो रही है?

वहीं तृणमूल की राज्यसभा सदस्य सागरिका घोष ने कहा कि यह घटना स्तब्ध करने वाली, डर पैदा करने वाली व लज्जाजनक है। दूसरी तरफ त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल व भाजपा नेता तथागत राय ने कहा कि संदेशखाली की घटना व भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिए इस तरह का हथकंडा अपनाया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट को इसकी सूचना दे सकती है।

राज्यपाल ने मंत्री के राजभवन में प्रवेश पर लगाई रोक

राज्यपाल ने मामले पर वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य के बयान को असंवैधानिक व अपमानजनक बताते हुए उनके राजभवन में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है।राजभवन की ओर से अपने कर्मचारियों को सूचित करते हुए कहा गया है कि मंत्री के कोलकाता, दार्जिलिंग व बैरकपुर के राजभवन परिसरों में प्रवेश पर निषेधाज्ञा जारी की गई है।

राज्यपाल ने यह भी सूचित किया है कि वे ऐसे किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे, जिसमें चंद्रिमा भट्टाचार्य उपस्थित रहेंगी। मंत्री के विरुद्ध कानूनी कदम उठाने के लिए भारत के एटर्नी जनरल से भी संपर्क किया जा रहा है। राज्यपाल ने पुलिस के भी राजभवन परिसर में आने पर रोक लगा दी है।