- स्वास्थ्य विभाग ने देश के कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 21.8 करोड़ टीके उपलब्ध कराए हैं, जिनमें से 1.8 करोड़ टीके अभी भी उनके पास ही मौजूद हैं.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण को सरकार बेहद महत्वपूर्ण बता रही है. इसके बावजूद देश के कई राज्यों में वैक्सीन की किल्लत के कारण टीकाकरण अभियान अपेक्षित गति नहीं पकड़ सकता है. ऐसे में केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि उसने देश के कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 21.8 करोड़ टीके उपलब्ध कराए हैं, जिनमें से 1.8 करोड़ टीके अभी भी उनके पास ही मौजूद है. इसके अलावा करीब 48 लाख टीके राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में पहुंचाए जा रहे हैं, जो अगले तीन दिनों में उन्हें मिल जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि कोरोना को हराने में टेस्टिंक, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के साथ वैक्सीनेशन भी बेहद अहम है. सरकार हर हालत में लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है. यही वजह है कि सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी दे रही है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ये बयान उस समय जारी किया है जब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई राज्यों ने 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को रोक दिया. इसके पीछे टीकों की किल्लत को वजह माना जा रहा है.
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से दिल्ली के लिए कोविड -19 वैक्सीन का कोटा बढ़ाने का आग्रह किया क्योंकि दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन नहीं मिल रही है. इसी के चलते केजरीवाल ने 18 से 44 साल के लोगों को टीकाकरण को अस्थाई रूप से रोक भी दिया है. केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली को प्रति माह 80 लाख वैक्सीन खुराक की आवश्यकता है, जबकि मई माह के लिए उन्हें वैक्सीन के केवल 16 लाख डोज ही मिले हैं.