नई दिल्ली, : साल 2023 की शुरुआत इंडियन सिनेमा के लिए खास साबित होती दिख रही है। पहले ‘आरआरआर’ फिल्म के गाने ‘नाटू नाटू’ को ऑस्कर नॉमिनेशन में एंट्री मिली। फिर शाह रुख खान की कमबैक फिल्म ‘पठान’ ने बड़े पर्दे पर धमाल मचाया। अब ग्रैमी अवॉर्ड्स में भी भारत का डंका बजा है। म्यूजिक की दुनिया के सबसे बड़े अवॉर्ड माने जाने वाले ग्रैमी अवॉर्ड शो को पांच फरवरी की शाम को लॉस एंजलिस में आयोजिक किया गया।
ग्रैमी अवॉर्ड नाइट में कई स्टार्स को उनके म्यूजिक वर्क के लिए अवॉर्ड से नवाजा गया, जिसमें बैंगलुरू के रहने वाले रिकी केज ने इंटरनेशनल लेवल पर भारत का नाम भी शामिल है। रिकी को एल्बम ‘डिवाइन टाइड्स’ के लिए ग्रैमी अवॉर्ड दिया गया है। इंटरनेशनल लेवल पर भारत का नाम एक बार फिर रोशन करने वाले रिकी के बारे में कई बातें आप नहीं जानते होंगे। उनकी इस उपलब्धि के मौके पर जानते हैं उनके करियर और बाकी चीजों के बारे में।
पढ़ाई के दौरान ही हुआ संगीत से प्यार
5 अगस्त, 1981 में जन्में रिकी का जन्म यूएस में हुआ था। वह पंजाबी-मारवाड़ी हैं। आछ साल की उम्र में वह बैंगलुरू शिफ्ट हो गए थे। उनकी शुरुआती शिक्षा वहीं से हुई। रिकी को शुरू से संगीत का शौक रहा है। या फिर यूं कहें कि कला उन्हें विरासत में मिली है। उनके दादा जानकी दास एक्टर और फ्रीडम फाइटर थे। ऐसे में कला के क्षेत्र में उनका रुझान बचपन से रहा है। पढ़ाई के दौरान ही रिकी रॉक बैंड का हिस्सा बन गए थे और यहीं से उनका म्यूजिक करियर शुरू हो गया।
2003 में शुरू किया अपना स्टूडियो
केज ने कीबोर्ड आर्टिस्ट के तौर पर करियर की शुरुआत की थी। 2003 में उन्होंने अपना स्टूडियो सेटअप किया। अब तक उनके 16 स्टूडियो एल्बम इंटरनेशनली रिलीज हो चुके हैं। इसके अलावा चार फीचर फिल्म और 3500 कॉमर्शियल्स के लिए भी वह संगीत दे चुके हैं। रिकी केज के कई बेहतरीन काम में ‘वाइल्ड कर्नाटक’ के लिए दिया गया संगीत भी शामिल है। यह कर्नाटक बायोडाइवर्सिटी पर बनी डॉक्यूमेंट्री है।
तीसरी बार जीता ग्रैमी अवॉर्ड
रिकी केज ने ग्रैमी अवॉर्ड पहली बार नहीं जीता है। वह यह अवॉर्ड तीसरी बार जीत रहे हैं। सबसे पहले उन्हें 2015 में यह अवॉर्ड ‘विंड ऑफ समसारा’ के लिए मिला था।
2022 में उन्होंने दूसरा ग्रैमी जीता और अब यह तीसरा अवॉर्ड है।