- देश के सभी राज्य बोर्डों के लिए समान मूल्यांकन नीति बनाना असंभव है। यह बात सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कही है। दरअसल, कोर्ट 24 जून को कक्षा बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने कहा कि प्रत्येक बोर्ड स्वायत्त और अलग है। इसलिए अदालत इन्हें समान योजना को अपनाने का निर्देश नहीं दे सकती है।
प्रत्येक बोर्ड अपनी योजना करे तैयार
न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा कि हम पूरी देश के विद्यर्थियों के लिए समान योजना बनाने का निर्देश नहीं दे सकते हैं। प्रत्येक बोर्ड को अपनी योजना तैयार करनी होगी। उन्हें इसके बारे में ज्यादा पता है और उनके पास सही सलाह देने वाले विशेषज्ञ भी मौजूद हैं।
सभी बोर्ड 31 जुलाई तक जारी करें परिणाम सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों को आज से 10 दिनों के भीतर मूल्यांकन के लिए योजना को अधिसूचित करने और 31 जुलाई तक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परिणाम घोषित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीबीएसई और आईसीएसई की तरह निर्दिष्ट समयरेखा बनाने को कहा है।