उत्तर प्रदेश

801 किलो का केक, मदिरा… काशी में भक्तों ने ऐसे मनाया काल भैरव का बर्थडे


काल भैरव यानी काशी के कोतवाल का जन्म भैरव अष्टमी के दिन होना माना जाता है. काशी में बाबा भैरव का जन्मदिन मनाए जाने की परंपरा सालों से है और इस बार भी काशी में बुधवार को उनका जन्मदिन खास तरीके से मनाया गया. एक ओर काशी के कोतवाल काल भैरव  बाबा के मंदिर को गुब्बारों के साथ फूल मालाओं से आकर्षण ढंग से सजाया गया तो दूसरी तरफ दोपहर होने के बाद भैरव भक्तों ने 801 किलो का केक काटकर उनका जन्मदिन मनाया.इस दौरान विशेष आकर्षण रहा डमरू का नाद, डमरू के डम-डम की आवाज़ से पूरा इलाका गूंज उठा. प्रिंस गुप्ता ने बताया कि 801 किलो के इस केक को फल और मेवे से तैयार किया गया. पिछले 17 सालों से केक काटकर बाबा का जन्मदिन मनाया जा रहा है. बताते चलें कि इस जन्मोत्सव में हज़ारों श्रद्धालु शामिल होते हैं.वाराणसी में एक ओर बाबा काल भैरव के जन्मदिन पर केक काटा गया तो दूसरी तरफ उनके मंदिर पर सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही. अपनी मनोकामना की पूर्ति के किए फूल मालाओं के साथ भक्तों ने बाबा को मदिरा भी चढ़ाई. काल भैरव मंदिर के महंत कैलाश नाथ ने बताया कि भैरव अष्टमी का पर्व भगवान भैरव की कृपा के लिए विशेष होता है. इस दिन जो भी काल भैरव की पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक बाबा काल भैरव काशी के कोतवाल हैं. यहां मनुष्यों के किए कर्मों का हिसाब यमराज नहीं बल्कि बाबा काल भैरव रखते हैं और वो उन्हें उस हिसाब से फल देते हैं. यही वजह है कि उन्हें दंडाधिकारी कहते हैं.