नुपुर शर्मा ने उच्चतम न्यायालय का रुख (Nupur Sharma approaches Supreme Court) करते हुए कहा कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को उनकी टिप्पणियों को लेकर शीर्ष अदालत की कड़ी आलोचना के बाद लगातार दुष्कर्म और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई थी। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आपके बयान से देश के सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचा है।
यही नहीं नुपुर शर्मा ने पहली जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने की मांग की। इसके कारण उन्हें एफआईआर को एक साथ जोड़ने की याचिका वापस लेनी पड़ी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज प्राथमिकी को क्लब करने की उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था। साथ ही बेहद कठोर टिप्पणियां की थी।
क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने…
- अदालत ने कहा था, शर्मा की टिप्पणी के कारण उदयपुर में दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई
- मौजूदा वक्त में देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए सिर्फ नुपुर जिम्मेदार
- मुकदमे दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी थी राहत
शीर्ष अदालत ने पैगंबर के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए कहा था कि उनकी बिगडे़ बोल ने पूरे देश में आग लगा दी है। देश में जो हो रहा है उसके लिए अकेले नुपुर जिम्मेदार हैं। कोर्ट ने नुपुर शर्मा की जान को खतरे की दलील पर कहा था कि इनको खतरा है या ये समाज के लिए खतरा हैं? जिस तरह से इन्होंने पूरे देश में भावनाएं भड़काई, उसी के चलते उदयपुर की घटना हुई। कोर्ट ने कहा कि बहुत देर हो गई। इनको अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।