निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने को करें प्रेरित
सीएम ने कहा कि निजी भवनों पर तड़ित चालक लगाने के लिए अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित करें। ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में निचले स्तर तक इसके लिए व्यापक रूप से निरंतर अभियान चलाया जाए। सभी जिलों के डीएम अपने-अपने जिलों में विशेष रूप से निगरानी रखें और अभियान चलाकर लोगों को सचेत किया जाए। जिन क्षेत्रों में संभावित वज्रपात की पूर्व सूचना प्राप्त हो उन इलाकों के लोगों को तत्काल इसकी जानकारी टीवी, इंटरनेट मीडिया, एसएमएस, मोबाइल व रेडियो सहित अन्य माध्यमों से दी जाए। पंचायती राज प्रतिनिधियों को भी संभावित वज्रपात की चेतावनी एसएमएस के माध्यम से दिया जाना सुनिश्चित किया जाए। वज्रपात से हुई मौत पर मृतक के आश्रित को चार लाख रुपए का अनुग्रह अनुदान दिए जाने का प्रविधान है, यह अनुदान ससमय पीड़िताें के परिजनों को उपलब्ध कराया जाए। बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से भी जागरूकता अभियान चलाया जाए। निचले स्तर तक लोगों को जागरूक करें।
जागरूकता की वजह से मौत में आई कमी
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी कि जागरूकता अभियान की वजह से वज्रपात से होने वाली मौत की घटनाओं में बिहार में कमी आई है। इस वर्ष अब तक पांच जिलों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में वज्रपात से मौत हुई है। वर्ष 2020 में वज्रपात से 459 लोगों की मौत हुई थी जो 2021 में घटकर 280 रह गयी। इस वर्ष अब तक केवल 161 लोगों की मौत वज्रपात से हुई है। भागलपुर में वज्रात से सबसे अधिक 13 लोगों की मौत हुई है। यह एडवाइजरी जारी की गई है कि वज्रपात के समय क्या करें और क्या न करें।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त परामर्शी सह सदस्य बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मनीष कुमार वर्मा व मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार भी मौजूद थे।