पटना : देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त आतंकी और कट्टरपंथी संगठन अब फंडिंग के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं। फुलवारीशरीफ से गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर का कनेक्शन अब कतर स्थित अल्फाल्ही संगठन से जुड़ने लगा है। पुलिस की छानबीन में यह बातें भी सामने आ रही हैं कि अल्फाल्ही संगठन से उसे क्रिप्टो करेंसी के रूप में फंडिंग मिली थी।
मरगूब को भारत विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आधार पर 14 जुलाई को फुलवारीशरीफ से पटना एटीएस और पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके पास से एक मोबाइल बरामद किया गया था, जिसमें इंटरनेट मीडिया पर कई देश विरोधी ग्रुप बने मिले। वह दो ऐसे ग्रुप का सदस्य था, जिसमें पाकिस्तानी नागरिक एडमिन थे। सूत्रों की मानें तो ग्रुप में जिहाद चलाने की बातें होती थीं। मरगूब जिस गजवा-ए-हिंद ग्रुप से जुड़ा था, उसका आइकन एवं मैसेज आपत्तिजनक, राष्ट्रविरोधी, चरमपंथी और असंवैधानिक थे।
फेसबुक में आतंकी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों का प्रोफाइल
सूत्रों की मानें तो जांच एजेंसी मरगूब से बरामद मोबाइल से फेसबुक मैसेंजर और वाट्सऐप ग्रुप पर हुई चैटिंग को रिकवर कर चुकी है। इसके फेसबुक अकाउंट की फ्रेंड लिस्ट में करीब दो हजार लोग जुड़े हैं, जिसमें कश्मीर, पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं अन्य इस्लामिक देश के आतंकी संगठनों से जुड़े व्यक्तियों की प्रोफाइल है। इसी अकाउंट से गजवा-ए-हिंद से संबंधित बहुत सारे फेसबुक पेज को लाइक किया गया है।
मोबाइल से रा और आइबी को मिले हैं कई संदिग्ध नंबर
मरगूब के मोबाइल में मिले ग्रुप में शामिल खुद को आइएसआइ का एजेंट बताने वाले व्यक्ति के नंबर की जांच रा और आइबी कर रही है। गजवा-ए-हिंद और तहरीक-ए-लब्बैक संगठन से जुड़े भारत के भी कुछ नंबर मिले हैं। इन सभी संदिग्ध नंबरों के जारी होने के स्थान व ट्रैवेल हिस्ट्री का पता किया जा रहा है।