एक दिन और एक पाली में होगी परीक्षा
सीएम नीतीश कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर परीक्षार्थियों की समस्या पर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी एवं बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद के साथ बैठक की। बैठक में बिहार लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने पूरी स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने सभी जिलाधिकारी एवं क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ विमर्श किया है। इस संदर्भ में निर्णय लिया गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पूर्व की तरह एक दिन एवं एक पाली में ही ली जाएगी ।
पुराने पैटर्न पर परीक्षा की मांग कर रहे अभ्यर्थी
बता दें कि बुधवार को अभ्यर्थियों ने हंगामा किया था। इससे पहले अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री सचिवालय को ज्ञापन देकर अपनी समस्या से अवगत कराया था। अभ्यर्थियो की मांग थी कि आयोग ने आवेदन में जिस पैटर्न की जानकारी दी थी, उसी पर परीक्षा आयोजित हो। परसेंटाइल पैटर्न अभ्यर्थियों के साथ धोखा है। अब मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में अभ्यर्थियों की मांग पर मुहर लगा दी गई।
‘अभ्यर्थियों के साथ बर्बरता कर रही सरकार’
इस बीच बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सम्राट चौधरी ने कहा है किपरीक्षा में नए पैटर्न की बजाए पुराने पैटर्न पर आयोजित करने को लेकर अभ्यर्थी बीपीएससी के चेयरमैन से बात करना चाहते थे। सरकार को उनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए थी। उन्हें बीपीएससी के चेयरमैन से मिलने का मौका देना चाहिए था, लेकिन उन्हें बर्बरता पूर्ण तरीके से पुलिस से पिटवा दिया गया। यह जंगलराज पार्ट-थ्री की बानगी है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि 67वीं बीपीएससी की परीक्षा परसेंटाइल और दो शिफ्ट में लेने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया था। बीपीएससी अभ्यर्थी परसेंटाइल हटाने एवं एक शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की शांतिपूर्वक मांग कर रहे थे। बीपीएससी चेयरमैन डेलीगेट के साथ मिलने को भी तैयार थे, लेकिन सरकार के इशारे पर डेलिगेट्स को मिलाने के बजाय अभ्यर्थियो को दौड़ा-दौड़ा कर लहूलुहान कर दिया गया।