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आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष में 200 सैनिकों की मौत, सीमा पर तनाव बरकरार


येरेवान (आर्मीनिया), । आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच संघर्ष में इस सप्ताह अब तक दोनों ओर के 200 से अधिक सैनिक मारे जा चुके हैं। आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों एक दूसरे पर उकसाने का आरोप लगा रहे हैं। इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी के अनुसार, आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने संसद में बताया कि अब तक उसके 135 सैनिक मारे जा चुके हैं। वहीं, अजरबैजान का कहना है कि उसके 77 सैनिकों की मौत हुई है।

सीमा पर बना हुआ है तनाव

दो दिन की लड़ाई के बाद रूस द्वारा बुधवार रात संघर्ष विराम कराया गया था, लेकिन शुक्रवार को आर्मेनिया ने कहा कि सीमा पर दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। आर्मेनिया जहां रूस का सैन्य सहयोगी है, वहीं, अजरबैजान से भी उसके रिश्ते अच्छे हैं। दरअसल, नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच एक दशक से अधिक समय से संघर्ष चल रहा है।

आर्मेनिया के उकसाने के बाद कार्रवाई

आर्मेनिया का कहना है कि अजरबैजान के सैनिक उसकी बस्तियों में घुस आए और हमला कर दिया। वहीं अजरबैजान का कहना है कि उसने केवल जवाब में आर्मेनिया के उकसाने के बाद बचाव में कार्रवाई की।

किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान में सीजफायर

हिंसक संघर्ष के बाद किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शुक्रवार को संघर्ष विराम पर सहमत हो गए। किर्गिस्तान के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से बताया गया कि उज्बेकिस्तान में हुई बैठक में दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को वापस बुलाने का निर्णय लिया। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच रूस के दो सहयोगी देशों के बीच हुए इस संघर्ष में तीन की मौत हुई है और दर्जनों घायल हैं। दोनों देशों ने एक दूसरे पर विवादित क्षेत्र में एक दूसरे पर गोलाबारी करने का आरोप लगाया है।

संघर्ष में किर्गिस्तान के 31 लोग घायल

किर्गिज बार्डर गार्ड ने कहा कि संघर्ष विराम स्थानीय समयानुसार, शुक्रवार चार बजे शाम से लागू हो गया। इससे पहले किर्गिस्तान ने आरोप लगाया था कि ताजिक बल टैंक और मोर्टार से किर्गिस बस्तियों व इससे सटे एक हवाई अड्डे पर भी हमला किया था। वहीं, ताजिकिस्तान ने आरोप लगाया था कि किर्गिस बलों ने उसकी अग्रिम चौकियों और गांवों पर भारी गोलाबारी की। किर्गिस्तान ने आरोप लगाया था इस संघर्ष में उसके 31 लोग घायल हुए हैं।