नई दिल्ली, । ब्रिटेन में राजनीतिक अस्थिरता का दौर अभी थमा नहीं है। टैक्सों में कटौती कर महंगाई की मार झेल रहे लोगों को राहत देने का वादा कर प्रधानमंत्री बनीं ट्रस की सरकार अपने फैसलों के चलते विवादों में घिरती नजर आ रही है। नए वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने टैक्स बढ़ाए जाने के संकेत दिए हैं। नए वित्त मंत्री के इस फैसले के बाद कंजर्वेटिव पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही है।
ऋषि सुनक फिर आए चर्चा में
महज एक महीने पुरानी सरकार से मोहभंग का आलम यह है कि रिपोर्टों में लिज ट्रस के पूर्व प्रतिद्वंद्वी ऋषि सुनक की 10 डाउनिंग स्ट्रीट के लिए वापसी की अटकलें लगने लगी हैं। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है। क्या सच में ट्रस की कुर्सी खतरे में है। कंजर्वेटिव पार्टी की बड़ी चिंता क्या है। क्या ऋषि सुनक ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री हो सकते हैं।
संकट में प्रधानमंत्री लिज ट्रस
1- विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि बोरिस जानसन के बाद प्रधानमंत्री के लिए शुरू हुई रेस में टैक्स कटौती एक बड़ा मुद्दा था। उस वक्त पीएम पद की उम्मीदवार के रूप में लिज ट्रस ने जनता से वादा किया था कि वह भारी टैक्स से देश को राहत दिलाएंगी। उधर, कोरोना महामारी के बाद ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती है। ट्रस के समक्ष यह बड़ी चुनौती थी।
हालांकि, सरकार के गठन के बाद ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री जेरेमी हंट ने वादा किया कि वह देश की आर्थिक विश्वनीयता को फिर से कायम करने में सफल होंगे। उनका दावा है कि ऐसा सरकार की टैक्स व्यवस्था को ठीक करके और उसके विस्तार की योजना को लागू करके किया जाएगा, लेकिन ऐसा करने में वह सफल नहीं हुए।
2- प्रो पंत ने कहा कि ब्रिटेन में नागरिकों के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री ट्रस ने वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग को बर्खास्त करते हुए जेरेमी हंट को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। हंट ने कार्पोरेशन टैक्स कम करने के ट्रस के फैसले को उनकी गलती करार दिया। इससे ट्रस की साख को भी बड़ा धक्का लगा है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में नागरिकों पर टैक्स के बोझ को बढ़ाया जाएगा। प्रो पंत ने कहा कि इससे पार्टी के अंदर ट्रस को लेकर दो फाड़ हो गए हैं।
3- प्रो पंत ने कहा कि टैक्स की कटौती का वादा करके कंजरवेटिव पार्टी की ट्रंस पीएम पद का चुनाव जीतीं थी। उनके इस फैसले से कहीं न कहीं ट्रस ने पार्टी का भी विश्वास खोया है। पार्टी की नजर होने वाले संसदीय चुनाव पर टिकी है। ट्रस का यह कदम देश में होने वाले संसदीय चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। पार्टी का मानना है कि ट्रस की विश्वसनीयता का असर पार्टी की साख पर पड़ेगा। अब ट्रस का राजनीतिक भविष्य पार्टी के फैसले पर टिका है। उन्होंने कहा कि पार्टी उनको हिदायत का संयमित बयान देकर बरी कर सकती है। इसके अलावा ट्रस को हटाने पर भी निर्णय हो सकता है। अब पूरा दारोमदार कंजरवेटिव पार्टी की बैठक पर टिकी है।
4- प्रो पंत ने का कि पार्टी ने पूर्व वित्त मंत्री और लिज को आगाह किया था कि इतने बड़े पैमाने पर गैर वित्त पोषित कर कटौती से बाजार में नकारात्मक असर होगा। यह भी कहा गया था कि इस फैसले से निवेशकों में घबराहट का माहौल उत्पन्न हो सकता है। हालांकि, प्रधानमंत्री लिज ने इस सुझाव को अनसुना कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने वित्त विभाग में शीर्ष सिविल सेवक टाम स्कालर को बर्खास्त कर दिया। टाम स्कालर के पास अच्छा अनुभव था जो उनको बेहतरीन सलाह दे सकते थे। यह बात भी ट्रस के खिलाफ गई। उधर, वित्त मंत्री हंट ने आयकर के न्यूनतम दर में कटौती के प्रस्ताव को भी एक वर्ष के लिए टाल दिया है। अर्थशास्त्रियों ने सरकार के इस निर्णय का आर्थिक स्थिति पर बहुत बुरा असर पड़ने की आशंका जताई थी।
5- प्रो पंत ने कहा कि ब्रिटेन में सियासत में पिछले एक हफ्ते का दौर काफी उथल-पुथल का रहा है। इन घटनाक्रमों के बीच सट्टेबाज ब्रिटेन में सियासी फेरबदल और ऋषि सुनक की वापसी की संभावनाएं जता रहे हैं। सट्टेबाजों के एग्रीगेटर आड्सचेकर ने 42 वर्षीय सुनक को ट्रस के मुकाबले पसंदीदा चेहरे के रूप में आगे दिखाया है। उनका कहना है कि विवादों से घिरी ट्रस यदि पद छोड़ने के लिए राजी हो जाती हैं तो भी ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वालेस एक मजबूत दावेदार हैं। यही नहीं बोरिस जानसन की भी संभावित वापसी की कोशिशें करने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।