रांची, Jharkhand Terror Funding Case राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने लातेहार के गारू थाने में दो सितंबर 2017 को दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर कर अनुसंधान के बाद शुक्रवार को रांची स्थित एनआइए की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। पूरा मामला टेरर फंडिंग से संबंधित है, जिसे एनआइए ने 19 अप्रैल 2021 को टेकओवर करते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके बाद एनआइए ने दो गिरफ्तार व नौ फरार नक्सलियों पर चार्जशीट दाखिल की है।
एनआइए ने दाखिल चार्जशीट में इस बात का खुलासा किया है कि माओवादियों ने एक साजिश के तहत टेरर फंडिंग से धन जुटाया, गोला-बारूद खरीदा व निर्दोष लोगों को बलपूर्वक नक्सली संगठन में जोड़कर उन्हें सरकार व पुलिस-प्रशासन के विरुद्ध लड़ने का प्रशिक्षण दिया। इन माओवादियों ने सुरक्षा बलों के जवानों के साथ-साथ निर्दोष ग्रामीणों पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर उनपर हमला किया, उनकी हत्या की। इस पूरे प्रकरण में आगे का अनुसंधान जारी है।
इनपर दाखिल की गई है चार्जशीट
गिरफ्तार प्रभु साव उर्फ प्रभु प्रसाद साव (गुमला) व बलराम उरांव (गुमला) के अलावा फरार छोटू खेरवार उर्फ सुजीत खेरवार उर्फ बिरजू सिंह (लातेहार), रवींद्र गंझू उर्फ मुकेश गंझू उर्फ सुरेंद्र गंझू (लातेहार), नीरज सिंह खेरवार उर्फ नीरज खेरवार उर्फ संजय सिंह (पलामू), मृत्युंजय भुइया उर्फ फरेश भुइया (लातेहार), प्रदीप सिंह खेरवार उर्फ चेरो उर्फ बोधनाथ सिंह (लातेहार), मुनेश्वर गंझू उर्फ मुशी (लातेहार), काजेश गंझू (लातेहार), अघनु गंझू (लातेहार) व लाजिम अंसारी उर्फ लाजिम मियां (गुमला)।
कुख्यात सुधाकरण व उसकी पत्नी पर एनआइए ने दर्ज की थी प्राथमिकी
एनआइए ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने वाले एक करोड़ रुपये के इनामी भाकपा (माओवादी) के सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकरण व 25 लाख रुपये के इनामी उसकी पत्नी नीलिमा सहित 11 नामजद आरोपितों व 100-110 अज्ञात माओवादियों पर अपनी रांची शाखा में गत वर्ष 19 अप्रैल 2021 को प्राथमिकी दर्ज की थी। पूरा मामला टेरर फंडिंग का है। रांची के चुटिया थाने में दर्ज केस के अनुसंधान के दौरान एनआइए को पता चला था कि सुधाकरण का सहयोगी गुमला का ठेकेदार प्रभु साव है। वह केंदू पत्ता कारोबारियों, ठेकेदारों से लेवी वसूलकर सुधाकरण तक पहुंचाता है। उसने ही सुधाकरण के भाई बी. नारायण व सहयोगी सत्यनारायण रेड्डी को रांची स्थित पटेल चौक पहुंचाया था और लौट गया था। सत्यनारायण रेड्डी व बी. नारायण की गिरफ्तारी के बाद प्रभु साव का नाम आया था, जिसे एनआइए ने गिरफ्तार किया था।
इसके बाद प्रभु ने ही एनआइए को बताया था कि लातेहार के रूद पंचायत में सुधाकरण सहित 100-110 नक्सली जुटे हैं, जो बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं। प्रभु साव की निशानदेही पर ही रूप जंगल से लातेहार पुलिस व एनआइए ने मिलकर एसएलआर के 13 कारतूस व नक्सली साहित्य बरामद किया था। इस मामले में लातेहार के गारू थाने में 02 सितंबर 2017 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसे एनआइए ने बाद में टेकओवर किया था।