नई दिल्ली । पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ के नाम का ऐलान होने के बाद माना जा रहा है कि इस पर जारी राजनीति भी अब बंद हो जाएगी। पाकिस्तान में अब सेना की कमान लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर के हाथों में होगी। पीएम शहबाज शरीफ ने विचार विमर्श के बाद उनके नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है। सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने बताया है कि शमशाद मिर्जा को ज्वाइंट चीफ आफ स्टाफ कमेटी नियुक्त किया गया है। वे तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बिठाने का काम करेंगे। जनरल मिर्जा पीएम और National Command Authority. के के मिलिट्री एडवाइजर भी होंगे।
राष्ट्रपति की मुहर लगने का इंतजार
अब देखना होगा कि पीएम के सुझाए नामों पर राष्ट्रपति की मुहर लगती है या नहीं। इस बीच इमरान खान ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति इस बारे में कोई फैसला लेने से पहले उनसे विचार-विमर्श जरूर करेंगे। बता दें कि जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है। वो 2019 में रिटायर होने वाले थे, लेकिन तत्कालीन पीएम इमरान खान ने उन्हें तीन वर्ष का एक्सटेंशन दिया था।
2018 में बने मेजर जनरल
जहां तक लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर की बात है तो आपको बता दें कि उन्हें वर्ष 2018 में मेजर जनरल बनाया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर उन्हें 27 नवंबर को पूरे हो जाएंगे। जनरल मुनीर सेना में आफिसर ट्रेनिंग स्कूल प्रोग्राम के तहत मंगला में शामिल हुए थे। उन्हें फ्रंटियर फोर्स रेजीमेंट में कमीशन मिला था। उत्तरी इलाके में फोर्स कमाड का नेतृत्व करते हुए जनरल मुनीर, सेवानिवृत हो रहे जनरल बाजवा के करीब आए थे। उस वक्त मुनीर ब्रिगेडियर रैंक पर थे और जनरल बाजवा एक्स कोर्प के कमांडर थे।
आईएसआई प्रमुख के रूप में बेहद छोटा कार्यकाल
वर्ष 2017 में जनरल मुनीर को मिलिट्री इंटेलिजेंस का डायरेक्टर जनरल बनाया गया था और इसके अगले ही वर्ष उन्हें आईएसआई का प्रमुख नियुक्त कर दिया गया था। हालांकि, वो इस पद पर महज 8 माह ही रहे थे। उनकी जगह बाद में लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को खुफिया एजेंसी का प्रमुख बना दिया गया और मुनीर का तबादला गुजरांवाला कोर्प कमांडर के रूप में कर दिया गया था। इस पद पर दो वर्ष तक रहने के बाद उन्हें जनरल हैडक्वार्टर में पोस्टिंग मिली थी। जनरल आसिम मुनीर को सेनाध्यक्ष बनाने के पीछे एक बड़ा कारण कश्मीर पर उनकी समझ और रणनीति को माना जा रहा है। इसके अलावा वे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों को निपटाने में भी अहम रोल निभा चुके हैं।
भारत विरोधी रणनीति
भारत विरोधी रणनीति में माहिर जनरल मुनीर ने पुलवामा हमले के बाद भारत विरोधी रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। इसका पूरा ब्यौरा जनरल मुनीर ने ही तैयार किया था। उस वक्त वो भारत के खिलाफ निर्णय लेने वाले दल का नेतृत्व कर रहे थे। पाकिस्तान में हुई बालाकोट स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने जो कदम उठाए थे वो भी जनरल मुनीर का ही फैसला माना जाता है। हालांकि इस दौरान उनका तत्कालीन पीएम इमरान खान मनमुटाव भी हुआ था और इसी वजह से उन्हें आईएसआई प्रमुख के पद से हटा दिया गया था। कहा ये भी जाता है कि पीएमएल-एन उनके समर्थन में काफी पहले से ही थी।