नई दिल्ली । यूरोपीयन स्पेस एजेंसी ने 22500 एप्लीकेशन में से 17 को अपने भावी स्पेस मिशन के लिए बतौर एस्ट्रोनाट्स चुना है। इस बार की सबसे खास बात ये है कि इसमें एजेंसी ने पहली बार एक ऐसे व्यक्ति को अपने भविष्य के मिशन के लिए चुना है जिनका एक पांव नहीं है। जिन 17 एस्ट्रानाट्स को ईएसए ने चुना है उनमें 5 करियर एस्ट्रानाट हैं जबकि 11 रिजर्व एस्ट्रानाट और एक पर्सन विद डिसऐबिलिटी है, जिनका नाम जान मैकफाल है। जान के लिए ये पल बेहद खास हो गया है। बता दें कि जान ब्रिटेन से हैं और दुनिया के पहले विकलांग अंतरिक्ष यात्री के तौर पर उन्हें चुना गया है। एजेंसी ने इस बार अपने बजट को भी काफी बढ़ा दिया है।
जान मैकफाल का नाम चौकाने वाला
ईएसए ने अपने स्पेस मिशन के लिए पहली बार एक विकलांग अंतरिक्ष यात्री को चुन कर इतिहास रचने का काम किया है। बता दें कि जान एक ब्रिटिश डाक्टर और पैरालिम्पियन हैं। एजेंसी उन्हें पैराएस्ट्रोनॉट फिजिबिलिटी प्रोग्रााम के जरिए प्रशिक्षण देगी। 41 वर्षीय जान मैकफाल का दायां पैर एक दुर्घटना के बाद काटना पड़ा था। उस वक्त उनकी उम्र 18 वर्ष थी। इसके बाद भी उन्होंने अपने करियर को रुकने नहीं दिया और वो एक सफल धावक बने। 2008 के पैरालिंपिक में उन्होंने कांस्य पदक जीता था।
ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी से मेडिकल में स्नातक हैं जान
जान ने 2014 में ब्रिटेन की कार्डिफ यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसिन से बैचलर आफ मेडिसिन एंड सर्जरी की डिग्री हासिल की है। इसके बाद वे 2016 में रायल कालेज आफ सर्जंस के सदस्य बने और वर्तमान में इंग्लैंड के दक्षिण में काम करने वाले ट्रॉमा और आर्थोपेडिक विशेषज्ञ रजिस्ट्रार हैं। ईएसए द्वारा सिलेक्ट किए जाने पर जान अपनी खुशी को रोक नहीं पाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में कभी नहीं सोचा था कि ऐसा कभी संभव हो सकेगा।
ईएसए की वेबसाइट पर जानकारी
ईएसए की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के मुताबिक एजेंसी ने जिन 17 लोगों को इसके लिए चुना है उनमें पांच नए अंतरिक्ष यात्रियों में दो महिलाएं और तीन पुरुष हैं। इसके सिलेक्शन को लेकर पेरिस में एक हाईलेवल बैठक हुई थी जिसके बाद इन नामों पर अंतिम मुहर लगी और बाद में इनका ऐलान कर दिया गया। ईएसए के डीजी का कहना है कि ये लोग तुरंत अपना काम शुरू करेंगे। बता दें कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ से बाहर हो चुका है लेकिन वो यूरोपीय स्पेस एजेंसी का सदस्य अब भी बना हुआ है।
2023 में शुरू होगी ट्रेनिंग
ईएसए ने जिन लोगों को चुना है उनकी ट्रेनिंग 2023 में शुरू हो जाएगी। हालांकि इन्हें अंतरिक्ष में भेजने का नंबर 2026 के बाद ही आ सकेगा। इसके लिए इन सभी को कड़ी चुनौतियों से जूझना होगा। एजेंसी ने एक अहम बैठक के दौरान अगले तीन वर्षों के लिए अपना बजट 14.5 अरब यूरो से बढ़ाकर 16.9 अरब यूरो करने का भी फैसला किया है।