- बरसठी के चंद्रभानपुर पुलिया के पास हुआ आमना-सामना, दोनों को लगी गोली
घटना में प्रयुक्त जाइलो कार, दो तमंचा व कारतूस बरामद
दो अन्य आरोपित गुरुवार को ही कर लिए गए थे गिरफ्तार
बरसठी। रिटायर्ड शिक्षक रवींद्र नाथ पाठक के अपहरण व हत्या में वांछित दो अन्य आरोपितों को पुलिस ने शुक्रवार की रात मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। दोनों के पैर में गोली लगी है। उनके पास से घटना में प्रयुक्त जाइलो कार, दो तमंचा, कारतूस व खोखे बरामद हुए हैं। दो अन्य आरोपित गुरुवार को ही गिरफ्तार कर लिए गए थे।
एएसपी (ग्रामीण) शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया थानाध्यक्ष बरसठी दिनेश कुमार हमराहियों के साथ रात्रि गश्त पर निकले थे। मियांचक से बड़ेरी जाते समय हरद्वारी चंद्रभानपुर पुलिया के पास संदिग्ध जाइलो कार सवार पुलिस को देखकर बड़ेरी की तरफ भागने लगे। आसपास के थानों को सूचना देकर पुलिस पीछा करने लगी। मडिय़ाहूं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक ओम नारायण सिंह भी मयफोर्स आ गए। बदमाश खुद को घिरता देख पुलिस टीम पर गोलियां चलाने लगे। एक गोली ओम नारायण सिंह की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी। जवाबी गोलीबारी में दोनों बदमाश पैर में गोली लगने से घायल हो गए। घायल बदमाशों में प्रशांत मौर्य उर्फ सूरज मौर्या व राम मूरत उर्फ करिया निवासी सेमरी थाना मीरगंज हैं। दोनों को उपचार के लिए सीएचसी बरसठी ले जाया गया। दोनों बरसठी के गोपालापुर निवासी रिटायर्ड शिक्षक रवींद्र नाथ पाठक के अपहरण व हत्या में वांछित थे। आसपास के जिलों की पुलिस से भी दोनों के आपराधिक इतिहास जुटाया जा रहा है।
क्या था पूरा मामला, कैसे दिया था घटना को अंजाम
गोपालापुर में घर पर अकेले रहने वाले रवींद्र नाथ पाठक 29 अक्टूबर की रात लापता हो गए थे। अपहरण का मुकदमा दर्ज कर पुलिस छानबीन में जुटी थी। एसएसपी अजय कुमार साहनी द्वारा गठित टीमों ने महीने भर अथक प्रयास के बाद अहम साक्ष्य हाथ लगने पर गुरुवार की रात उसी गांव के अनिल मौर्य उर्फ पर्वत व मीरगंज के भोगीपुर निवासी सुरेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों की निशानदेही पर शुक्रवार को एनएच-30 प्रयागराज-रीवां (मध्य प्रदेश) मार्ग पर रीवां के मनगवां थाना इलाके में झाड़ी से रवींद्र नाथ पाठक का कंकाल व कपड़े आदि बरामद किए थे। चारो आरोपित रवींद्र नाथ पाठक के करीबी थे। घर पर आते-जाते थे। लिए गए कर्ज पर मासिक ब्याज दर लगातार बढ़ाते हुए सात फीसद कर देने पर सभी ने आजिज आकर उनकी हत्या की साजिश रच डाली। उन्हें पहले मैनगढ़ दर्शन-पूजन को जाइलो कार से ले गए। वहां से घर लौटने के बाद विंध्याचल चलने की बात कही। साजिश के तहत रास्ते में कुछ खिला-पिलाकर अचेत कर मनगवां ले गए। अनिल व सुरेंद्र ने कार में ही रवींद्र नाथ का पैर दबा दिया और प्रशांत व राम मूरत ने उन्हीं के गमछे से गला घोंटकर मौत के घाट उतारने के बाद शव फेंककर चले आए थे।