कोइरौना (भदोही)। योगी सरकार व जिले के बेहद ईमानदार छवि के एसपी महोदय के सख्त निर्देशों के बाद भी जिले की कोईरौना पुलिस मनमानी पर उतर आयी है। पुलिस कहीं खड़े होकर एक पक्ष का जबरन विवादित भूमि पर निर्माण करवा रही है, तो कहीं न्यायालय के आदेश को धता बता रही है। एसएचओ कोइरौना द्वारा वकीलों से अभद्रता करने आदि के आरोप का मसला गरमाया हुआ है। इसी बीच न्यायालय के स्टे आदेश का अनुपालन हेतु गुहार लगाने कोइरौना थाने पर गए केवटाही निवासी पीड़ित को अभद्र व्यवहार करते हुए भगा दिया गया।
दर्शल कोइरौना क्षेत्र के केवटाही गोलखरा गांव के बॉर्डर पर स्थित एक ईंट भट्ठे का संचालन हो रहा है। खबर है कि कोई पंजीकृत एंग्रीमेंट संचालक द्वारा नही कराया गया है। पट्टीदारों से बंटवारा आदि करने व खुद निर्माण आदि कार्य करने हेतु पिछले कई माह से केवटाही निवासी पीड़ित भूमिधर लक्ष्मण बिन्द व उसके परिजन भट्ठा संचालक को रोक रहे हैं। उक्त गाटे पर एसडीएम सदर के न्यायालय से स्थगन आदेश भी पारित हुआ है।
पीड़ित का आरोप है कि वह चौकी सीतामढ़ी गया और डायल 112 पुलिस को मौके पर बुलाया। सभी का रवैया यह रहा कि सभी पीड़ित को ही दबाने में जुट गए। और भट्ठा मालिक से सेटिंग कराने को आतुर दिखने लगे। पीड़ित जब कोइरौना थाने पर पहुंचा तो कोई कार्रवाई नही हुई बल्कि थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मियों ने डांटकर अभद्रता करते हुए उसे भगा दिया। बताया जाता है कि सरहंग भट्ठा संचालक स्टे आदेश के बाद भी लगातार उक्त भूमि में कार्य करा रहा है। पीड़ित जनवरी से लेकर अब तक लगातार शिकायत पर शिकायत कर रहा है।
अवगत हो कि हाल ही में क्षेत्र के भीखीपुर गांव में कोइरौना पुलिस का खड़े होकर विवादित भूमि में दर्जनभर हिस्सेदारों के विरोध के बावजूद एक हिस्सेदार का बिना किसी आदेश निर्माण कराने का प्रकरण व वीडियो सामने आया था। ऐसे मामले कोइरौना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इसी तरह के जमीन विवादों में पुलिस के सरपरस्ती व एकपक्षीय कार्रवाई के चलते जनपद में गोली चलने और हत्या होने जैसी घटना हो चुकी है। पुलिसवालों पर भी मुकदमा दर्ज हो चुका है। आखिर पुलिस बावजूद इसके नियम ताक पर रख किसी का सहयोग क्यों कर रही है। यह समझने में बहुत दिमाग लगाने की जरूरत नही है।