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Delhi: फ्लाइट में कृपाण ले जाने की अनुमति के खिलाफ याचिका HC में खारिज


नई दिल्ली, घरेलू विमान में सिख समुदायों के लोगों द्वारा किरपाण लेकर जाने से संबंधित केंद्र सरकार की अधिसूचना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका दिल्ली हाई कोर्ट ने की खारिज कर दी है। केंद्र सरकार ने चार मार्च 2022 को अधिसूचना जारी करके विमान में किरपाण ले जाने की अनुमति दी थी। याचिकाकर्ता हर्ष विभोर ने अधिसूचना को रद्द करने की मांग को लेकर ही याचिका दायर की थी। 

समिति का गठन चाहते है याचिकाकर्ता

अदालत में हर्ष विभोर सिंघल द्वारा दावा किया गया था कि उड़ानों पर किरपाण की अनुमति देने के मुद्दे पर एक समिति गठित की जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वह संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत किसी धर्म को मानने और उसका पालन करने के अधिकार पर प्रश्न नहीं कर रहा था, बल्कि वह केवल इस मुद्दे की जांच के लिए हितधारकों की एक समिति का गठन चाहता था।

केंद्र की याचिका को दी थी चुनौती

याचिकाकर्ता ने केंद्र द्वारा 4 मार्च, 2022 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। इस अधिसूचना में सिख यात्रियों को किसी भी बोर्ड पर ब्लेड की लंबाई छह इंच से अधिक नहीं होने और कुल ब्लेड की लंबाई नौ इंच से अधिक नहीं होने की बात कही थी।

इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वह स्वीकार करता है कि अनुच्छेद 25 किरपाण ले जाने की अनुमति देता है। लेकिन जब उड़ान भरी जा रही हो तो रेगुलेटर्स को अपने विवेक का इस्तेमाल करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि वह मुद्दे की जांच के लिए हितधारकों की एक समिति का गठन चाहता है। उसने कहा कि यदि समिति को लगता है कि अधिसूचना अच्छी है, तो ठीक है। उसे कोई समस्या नहीं।