नई दिल्ली, असम (Assam) में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए बदरुद्दीन अजमल (Badruddin Ajmal) की पार्टी ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) से नाता तोड़ लिया है। कांग्रेस और अजमल की पार्टी ने पिछला विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। कांग्रेस मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, “अजमल का अब यूपीए से कोई लेना-देना नहीं है, वो बीजेपी के माउथपीस हैं। अजमल ने असम विधानसभा चुनाव के बाद हिमंत बिस्वा सरमा के साथ सांठ-गांठ की थी।”
कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ टिप्पणी अस्वीकार्य
कांग्रेस ने बदरुद्दीन अजमल पर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि अजमल भाजपा के साथ काम कर रहे हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल ने असम में कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ अस्वीकार्य टिप्पणी की है।
आसान नहीं था फैसला
जयराम रमेश ने कहा कि ये सच है कि कांग्रेस और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने पिछला विधानसभा चुनाव सहयोगी के रूप में लड़ा था। ये फैसला कांग्रेस के लिए आसान नहीं था। लेकिन AIUDF के साथ चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए लिया गया था कि वो विश्वसनीय साथी रहेंगे और देश में धर्मनिरपेक्ष ताकतों को मजबूती मिलेगी।
यूपीए से कोई लेना-देना नहीं
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि चुनाव परिणामों से पता चला है कि अजमल ने असम के मुख्यमंत्री के साथ एक समझ बनाई थी। दोनों ने कांग्रेस और उसके नेतृत्व को बदनाम करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ कार्य किया। उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा असाधारण सफलता से हिले हुए हैं। जयराम ने आरोप लगाया कि अजमल और कुछ नहीं बल्कि AIMIM जैसे कुछ अन्य दलों की तरह भाजपा का मुखपत्र हैं। उनका यूपीए से कोई लेना-देना नहीं है जैसा कि वो दावा करते हैं।