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राम सेतु पर केंद्र सरकार साफ करेगी रुख, सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर अगले महीने होगी SC में सुनवाई


नई दिल्ली,। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की है। स्वामी की याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार ने अदालत से फरवरी के पहले हफ्ते तक समय मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए समय दे दिया है। मामले में सुनवाई अब फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगी।

सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की याचिका

स्वामी ने अपनी याचिका में कहा कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वादा किया था कि 12 दिसंबर 2022 तक जवाब दाखिल किया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई हलफनामा दाखिल नहीं किया गया है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने अदालत में मौजूद सॉलिसिटर जनरल से कहा, “मिस्टर सॉलिसिटर, मिस्टर स्वामी कह रहे हैं कि आपने राम सेतु मामले में हलफनामा दाखिल नहीं किया।”

सॉलिसिटर जनरल बोले- मामले में चर्चा जारी

सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि मामला विचाराधीन है और इस पर चर्चा चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस पर जवाब दाखिल किया जाएगा और बेंच से फरवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई के लिए मामले को रखने के लिए कहा जाएगा।

स्वामी ने मामले में सरकार द्वारा अपना रुख स्पष्ट करने में देरी के चलते कैबिनेट सचिव की उपस्थिति की मांग की है। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने इस मांग को अस्वीकार कर दिया। स्वामी ने इससे पहले कहा था कि ये मामला आठ सालों से लंबित है, लेकिन सरकार जवाब देने की स्थिति में नहीं है।

यूपीए सरकार के दौरान दाखिल हुई याचिका

गौरतलब है कि स्वामी ने यूपीए सरकार के दौरान 2007 में याचिका दाखिल की थी। स्वामी ने तब सेतुसमुद्रम शिप चैनल परियोजना के खिलाफ मुद्दा उठाया था। मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा और राम सेतु पर परियोजना पर रोक लगा दी गई।