लखनऊ, । समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की पवित्र ग्रन्थ रामचरितमानस मानस पर की गई विवादित टिप्पणी पर शुरू हुआ बयानबाजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यूपी के इस राजनीतिक रण में बिहार की एंट्री हुई है। भाजपा की बिहार स्टेट वर्किंग कमेटी के सदस्य आनंद शंकर ने स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम लिए बगैर निशाना साधा है।
रामचरितमानस विवाद पर क्या बोले भाजपा नेता आनंद शंकर
भाजपा की बिहार राज्य कार्य समिति के सदस्य आनंद शंकर ने ट्वीट कर कहा कि अब तुलसीदास जी तो नीचे आएंगे नहीं ‘ताड़न’ का अर्थ समझाने। जिसको चौपाइ से परेशानी है वो स्वयं ऊपर जाकर तुलसीदास जी से बात कर ले।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था विवादित बयान
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर कई विवादित बयान दिए। इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद ने साधु संतों पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की। स्वामी प्रसाद के समर्थन में लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई गईं।
रामचरितमानस पर टिप्पणी के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के कुछ विवादित ट्वीट
स्वामी प्रसाद ने कहा था कि देश की समस्त महिलायें व शूद्र समाज यानि आदिवासी, दलित, पिछड़े, जो सभी हिंदू धर्मावलंबी ही हैं तथा जिनकी कुल आबादी 97 प्रतिशत है, को तो अपमानित किया ही जा रहा है। गौमांस खाने वालों को हिंदू बनाकर उन्हें भी अपमानित करने का इरादा है क्या? बोलो, बोलो हसबोले जी।
आज स्वामी प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि “इंडियंस आर डाग” कहकर अंग्रेजों ने जो अपमान व बदसलूकी ट्रेन में गांधी जी से किया था, वह दर्द गांधी जी ने ही समझा था। उसी प्रकार धर्म की आड़ में जो अपमानजनक टिप्पणियां महिलाओं व शुद्र समाज को की जाती हैं उसका दर्द भी महिलायें और शुद्र समाज ही समझता है।
इससे पूर्व स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि समस्त महिला समाज व शूद्रवर्ण के सम्मान की बात क्या किया, मानो पहाड़ टूट गया। जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालो को 21लाख रुपये देने की घोषणा की थी, वही बाबा फोटो को तलवार से काटकर अपने शैतान होने की पुष्टि कर दी। अब इन्हे पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान।
इतना ही नहीं साधु-संतों पर टिप्पणी करते हुए स्वामी प्रसाद ने कहा था कि हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख रुपये भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता।