वोट मांगने यहां मत आना- गुस्साएं लोग
सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या अब तेजी से बढ़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को तुर्किये के लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। इस समय तुर्किये सबसे खराब आपदा का सामना कर रहा है। वहीं, लोगों ने राष्ट्रपति को संदेश दिया कि ‘वोट मांगने यहां मत आना।’
तुर्किये में हुआ 4 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान
अमेरिकन क्रेडिट रेटिंग कंपनी फिच (FITCH) और टर्किश ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ ऑर्गनाइजेशन IHH के डेटा के अनुसार तुर्किये में आए भूकंप से 4 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।
तुर्किये नेता ने 14 मई को एक क्रंच चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया है जो 2028 तक उनकी इस्लामिक धर्म में आस्था में विश्वास रखने वाली सरकार को सत्ता में बनाए रख सकता है।
वहीं, क्रंच चुनावों के लिए तय की गई तारीखों के कारण उनके बिखरे विपक्ष को अपने मतभेदों को दूर करने और एक संयुक्त राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर सहमत होने के लिए बहुत कम समय मिलेगा।
तुर्किये के 10 प्रांतों में आपातकाल की घोषणा
एर्दोगन ने भूकंप प्रभावित 10 प्रांतों में तीन महीने के लिए आपातकाल की घोषणा की है। इस क्षेत्र में अभी भी मृतकों की खुदाई का काम चल रहा है और कई लोग सड़कों पर या अपनी कारों में रहने के लिए मजबूर हैं। इसलिए इस समय यहां चुनाव प्रचार का तो सवाल ही नहीं उठता है। लेकिन एक राजनीतिक आयाम भी है जो एर्दोगन के लिए बेहद व्यक्तिगत है।
पिछले साल भयानक आर्थिक संकट से जूझने के बाद, तुर्किये के राष्ट्रपति एक बार फिर से आगे बढ़ रहे थे। लेकिन इस दौरान आए भूकंप ने गहरा असर डाला है।
तानरिवर्दी एर्दोगन के लिए उस प्रांत में एक बुरा संकेत है जहां उन्होंने 2018 में पिछले चुनाव में अपने धर्मनिरपेक्ष विपक्षी प्रतिद्वंद्वी को बड़ी आसानी से हरा दिया था।
किसी ने हमारा समर्थन नहीं किया
तानरिवर्दी ने सरकार की भूकंप प्रतिक्रिया के बारे में कहा, हमें गहरा दुख हुआ कि किसी ने हमारा समर्थन नहीं किया। भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित अदियामन प्रांत में तानरिवर्दी की शिकायतें बहुत आम हैं।
वहीं, स्थानीय लोगों की शिकायत है कि बचाव दल उन लोगों को निकालने के लिए समय पर नहीं पहुंचे। वहीं, कुछ लोगों ने कंक्रीट के स्लैब के माध्यम से ड्रिल करने के लिए मशीनरी की कमी की बात भी कही।
सरकार को शर्म आनी चाहिए- स्थानीय
आदियामन निवासी मेहमत यिल्डिरिम ने कहा, ‘भूकंप के दूसरे दिन दोपहर 2 बजे तक मैंने घटनास्थल पर किसी को भी नहीं देखा।’
‘कोई सरकार नहीं, कोई राज्य नहीं, कोई पुलिस नहीं, कोई सैनिक नहीं। शर्म आनी चाहिए! आपने हमें हमारे हाल पर छोड़ दिया।’
वहीं, लोगों में लगातार गुस्सा देखने के बाद तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने बुधवार को आपदा से निपटने में सरकार की “कमियों” को भी स्वीकार किया। लेकिन इस आपदा के बाद भी वह एक बार फिर से लड़ रहे हैं। तुर्किये के राष्ट्रपति ने मंगलवार को अंकारा में एक बचाव प्रतिक्रिया बैठक (rescue response meeting) का नेतृत्व किया और अगले दो दिनों तक तबाह हुए शहरों का दौरा भी किया।
अमेरिका ने भी बढ़ाया मदद का हाथ
तुर्किये में आए भूकंप के चलते अमेरिका ने भी तुर्किये को आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। अमेरिका ने गुरुवार को आपातकालीन राहत के तहत तुर्किये के लिए 85 मिलियन डॅालर पैकेज की घोषणा की है। अमेरिकी एजेंसी ने जानकारी दी कि भोजन, आश्रय और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से लाखों लोगों के लिए तत्काल आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए पैसे भेजे जाएंगे। लोगों को पेयजल और स्वच्छता प्रदान करने के लिए फंडिंग की जा रही है।