नई दिल्ली, फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर विवाद थम नहीं रहा है। इस फिल्म को लेकर रोजाना नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं। मध्य प्रदेश के बाद इसे यूपी में टैक्स फ्री किया जा चुकी है। वही, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने इस फिल्म को लेकर विवादित बयान दिया है।
फिल्म बनाने वाले को मिले फांसी
एनसीपी नेता ने कहा है कि ‘द केरल स्टोरी’ के नाम से एक राज्य और उसकी महिलाओं को बदनाम किया गया। 32 हजार का झूठा आंकड़ा दिया गया। इस काल्पनिक फिल्म को बनाने वाले को सार्वजनिक रूप से फांसी दी जानी चाहिए।
झूठी है कहानी
एनसीपी नेता ने कहा, ‘केरल के नाम पर रिलीज हुई फिल्म फर्जीपन की पराकाष्टा है। केरल में हकीकत कुछ और है। विदेशों से भारत में जो पैसा आता है, उसका 36 प्रतिशत केरल के लोग भेजते हैं। केरल के लोगों ने विदेशों से पिछले साल 2.36 लाख करोड़ रुपये भेजे थे। केरल की साक्षरता दर 96 प्रतिशत है, जबकि भारत में 76 प्रतिशत है। केरल में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग 0.76 प्रतिशत हैं, जबकि यह देश में 22 प्रतिशत है। केरल में शिशु मृत्यु दर 6 प्रतिशत है। वहीं, असम में 42 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 46 फीसदी है। केरल की प्रति व्यक्ति आय भारत की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।’
सिर्फ तीन महिलाओं की कहानी है फिल्म
उन्होंने आगे कहा, ‘फिल्म में 32 हजार महिलाओं की कहानी के बारे में खुद फिल्म के निर्माता का कहना है कि कहानी सिर्फ 3 महिलाओं की है। फिल्म को चलाने के लिए 32 हजार महिलाओं की कहानी का दावा किया गया था। क्या आप अपनी महिला बहनों को बदनाम करना चाहते हैं?’
महिला बहनों को मूर्ख दिखाने की कोशिश
फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमारी महिला बहनें मूर्ख हैं और उन्हें कुछ भी नहीं पता है। पुरुष प्रधान संस्कृति में महिलाओं को उनसे कमतर आंका गया है। ये है केरल पर आधारित फिल्म की असली सच्चाई। ऐसी फिल्में झूठ के आधार पर हिंसा, नफरत पैदा करने और उसी के दम पर चुनाव जीतने के लिए से बनाई जाती हैं।