नई दिल्ली, : आयकर विभाग ने कल ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि वित्तीय वर्ष 2022-23 (AY 2023-24) के लिए 31 जुलाई की शाम तक 6.50 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कुल करदाताओं में से लगभग 14 प्रतिशत ने अंतिम तिथि यानी 31 जुलाई तक अपना आईटीआर दाखिल नहीं किया है।
करदाताओं के पास क्या है विकल्प?
अगर आप भी उन टैक्सपेयर में से हैं जिन्होंने 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल नहीं किया है तो अब आपको अपना आईटीआर फाइल करने के लिए विलंब शुल्क देना होगा। इसके अलावा आपको ब्याज जुर्माना भी भरना पड़ेगा। आप विलंब शुल्क और ब्याज जुर्माना भर कर 31 दिसंबर तक अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं।
कितना लगेगा जुर्माना?
यदि आप अपना आईटीआर फाइल नहीं कर पाएं हैं तो अब आप जुर्माने के साथ धारा 234एफ के तहत आईटीआर फाइल कर सकते हैं। अगर आपकी इनकम सालाना 5 लाख रुपये से कम है तो आपको 1000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है और अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको 5000 रुपये तक जुर्माना देना पड़ सकता है।
कितना लगेगा ब्याज?
टैक्स के देर से भुगतान पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 234ए, बी और सी के तहत ब्याज जुर्माना भी लगाया जाएगा। हालांकि, अगर आपने शून्य आईटीआर दाखिल किया है, तो आप इसे बिना किसी विलंब शुल्क या जुर्माने के 31 दिसंबर तक संशोधित कर सकते हैं। विलंबित टैक्स भुगतान के लिए ब्याज दर 1 प्रतिशत प्रति माह है।
देर से आईटीआर फाइल करने का होगा ये नुकसान
लेट आईटीआर फाइल करने से टैक्सपेयर अब आयकर रिटर्न तो दाखिल कर सकते हैं, लेकिन कटौती का दावा करने या घाटे को आगे बढ़ाने पर कुछ सीमाएं लागू होंगी।
विलंबित रिटर्न के परिणामस्वरूप निर्धारित देय तिथियों के चूक जाने के कारण, गृह संपत्ति के नुकसान को छोड़कर, कुछ कटौतियों का दावा करने और नुकसान को आगे बढ़ाने में सीमाएं आ सकती हैं।
31 जुलाई के बाद क्या आप e-Verify कर सकते हैं
यदि आपने अपना आईटीआर 31 जुलाई 2023 तक दाखिल किया है, तो आप इसे 30 दिनों के भीतर बिना किसी जुर्माने के ई-सत्यापित कर सकते हैं, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका आयकर रिटर्न खारिज कर दिया जाएगा।