सीतापुर। मदुरै हादसे में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। निजी पार्टी कोच में गैस सिलेंडर (Cylinder in Train) होने की जानकारी के बावजूद रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की और इतना बड़ा हादसा हो गया।
आगा कालोनी के रोहित वर्मा ने एक जनवरी को रेलवे विभाग (Indian Railway IRCTC) को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से सचेत किया था। रेलवे की ओर से प्रतिक्रिया भी आई, लेकिन वह सिर्फ मैसेज तक ही सीमित रह गई।
रेलवे को मैसेज किए आठ माह बीत गए, लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। रोहित वर्मा ने बताया कि दिसंबर में चाचा सुरेंद्र प्रताप सिंह रामेश्वरम यात्रा के लिए भसीन टूर ट्रवैल्स (Bhasin Tour & Travel) के माध्यम से ट्रेन से गए थे। उस वक्त भी बोगी में सिलेंडर का प्रयोग किया गया। चाचा वापस आए तो उन्होंने जानकारी दी, जिसके बाद रेलवे को सचेत करने के लिए एक्स (पहले ट्विटर) पर मैसेज किया था।
उन्होंने मैसेज में बकायदा ट्रेन की संख्या (Madurai Train Number) लिखने के साथ पूरी जानकारी रेलवे को दी थी, जिसमें बताया गया था कि ट्रैवल एजेंसी यात्रा में एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Cylinder in Train) साथ लेकर जाती है।
मदुरै ट्रेन हादसे (Madurai Train Accident) की घटना को लेकर जांच-पड़ताल की जा रही है। उच्चस्तरीय समीक्षा हो रही है। घटना में जिसकी भी संलिप्तता मिलेगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी। महेश गुप्ता, जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल
मदुरै से विमान से लाए गए शव, एंबुलेंस से घर भेजे गए
कोच में आग से मारे गए नौ यात्रियों के शव विमान से मदुरै से लखनऊ (Madurai to Lucknow) लाए गए और यहां से एंबुलेंस से घर भेज दिए गए। मृतकों में सीतापुर के पांच यात्री थे, लखनऊ के दो, लखीमपुर और हरदोई के एक-एक यात्री शामिल थे।
रविवार दोपहर करीब तीन बजे चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाए गए। यहां उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brijesh Pathak) पहुंचे। उन्होंने सभी को श्रद्धांजलि देकर शोक संवेदना व्यक्त की।