नई दिल्ली, । दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए सामान्य विधि परीक्षा स्नातक (क्लैट-यूजी) के अंक के आधार पर पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने की अनुमति देने के दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम फैसले में हस्तक्षेप करने से सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को इनकार कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने विधि पाठ्यक्रमों में कामन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के अंकों के आधार पर प्रवेश देने के लिए निर्देश देने की मांग वाली विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दी।
पीठ ने कहा, हम अब इस प्रक्रिया को नहीं रोकेंगे। यह हाईकोर्ट का अंतरिम आदेश है, जहां उसने इस वर्ष के लिए क्लैट के आधार पर प्रवेश की अनुमति दी है। यह अनुचित आदेश नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा व जस्टिस संजीव नरूला की पीठ ने इस तथ्य पर विचार करते हुए कि अन्य सभी विश्वविद्यालयों में इस शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं अंतरिम आदेश पारित किया था।
उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को डीयू को वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए क्लैट-यूजी के अंक के आधार पर पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने की अनुमति दी थी।