दोनों एजेंसियों सागर के घर से थोड़ी दूर पर रहने वाले ई-रिक्शा मालिक नन्हके और उसके बेटे हिमांशु से करीब घंटे भर पूछताछ की। उनसे मिली जानकारी के मुताबिक अब जांच एजेंसियां संबंधित बैंकों से जानकारी जुटाने में लगी हैं। माना जा रहा है कि सागर शर्मा ने फंड जुटाने के लिए यह लोन लेने की कोशिश की थी।
एटीएस और आईबी की टीम शुक्रवार को सागर के पिता रोशन लाल शर्मा और परिवारीजन से पूछताछ के बाद ई-रिक्शा मालिक नन्हके के घर पहुंची। सागर, नन्हके का ई-रिक्शा चलाता था। नन्हके और उसके बेटे हिमांशु से करीब टीम ने एक घँटे पूछताछ की। नन्हके ने बताया कि 500 रुपये प्रतिदिन सागर उन्हें देता था। यह उसका तय कोटा था। सुबह नौ बजे ई-रिक्शा ले जाता था रात को लाता था।
हिमांशु ने टीम को बताया कि पहले सागर के पिता रोशन ने उसे एक पुराना ई-रिक्शा खरीदकर दिया था। कुछ दिन चलाने के बाद वह बेंगलुरु चला गया था। फिर रोशन ने वह बेच दिया था। बेंगलुरू से लौटने के बाद सागर उनका ई-रिक्शा चलाता था। कुछ दिन पहले सागर ने ई-रिक्शे पर लोन लेने का प्रयास किया था।
एक बैंक से फोन भी आया था। जानकारी होने पर सागर को पापा ने डांटा था। इस पर उसने कहा था कि उसे रुपयों की सख्त जरूरत है। इस लिए उसने लोन लेने के लिए कोशिश की थी। वह लोन लेकर सारा रुपया अपने मेहनताने से चुका देगा। हिमांशु के मुताबिक पापा के तैयार न होने पर सागर चला गया था।