लखनऊ। आइएस (इस्लामिक स्टेट) के पुणे माड्यूल ने ही अलीगढ़ में आतंकियों की नई खेप तैयार की थी। एनआइए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) द्वारा मुंबई में पकड़ा गया आतंकी साकिब नाचन इसका मास्टरमाइंड रहा है। दिल्ली में लगभग दो माह पूर्व पकड़े गए आतंकी रिजवान को साकिब ने ही आइएस की शपथ दिलाई थी। जिसके बाद रिजवान ने छत्तीसगढ़ के निवासी वजीहुद्दीन के माध्यम से अलीगढ़ में आइएस आतंकियों का माड्यूल तैयार कराया था।
रिजवान के ही इशारे पर वजीहुद्दीन ने अलीगढ़ को ठिकाना बनाया था। वजीहुद्दीन ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से पीएचडी की थी। कोरोना काल के दौरान वजीहुद्दीन ने ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्र संगठन एसएएमयू (स्टूडेंट्स आफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) का गठन किया था और उससे आनलाइन लगभग दो हजार युवकों को जोड़ा था। उप्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब पुणे व अलीगढ़ माड्यूल के बीच की कड़ियों को खंगालने में जुट गया है।
एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल का कहना है कि मुंबई में पकड़े गए साकिब नाचन को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। इस नेटवर्क से जुड़े अन्य संदिग्ध आतंकियों की तलाश भी की जा रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आतंकी शहनवाज व रिजवान को पकड़ा था। जिसके बाद यूपी एटीएस ने तीन नवंबर को एक मुकदमा दर्ज कर आइएस के पुणे नेटवर्क से जुड़े आतंकियों की जांच शुरू की थी। जिसके बाद सबसे पहले अलीगढ़ से आतंकी अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक पकड़े गए थे।
जिसके बाद छत्तीसगढ़ से वजीहुद्दीन पकड़ा गया था। तब सामने आया था कि एएमयू के कई वर्तमान व पूर्व छात्राें को जोड़कर आइएस का नया माड्यूल तैयार किया जा चुका है। जो उत्तर प्रदेश में हिंदू नेताओं पर हमले के लिए अलग-अलग टीमें बना रहा था। इसके लिए हथियार व विस्फोटक भी जुटाया जा रहा था। आइएस के आतंकी भदोही निवासी राकिब इमाम अंसारी, संभल निवासी नावेद सिद्दीकी, मोहम्मद नोमान व मोहम्मद नाजिम भी पकड़े गए थे।
राकिब इमाम ने एएमयू से बीटेक व एमटेक, नावेद सिद्दीकी ने बीएससी तथा नोमान ने बीए किया था। ऐसे ही एएमयू के कई अन्य वर्तमान व पूर्व छात्रों को भी जिहाद से जोड़ा गया था। सभी वजीहुद्दीन को अपना अमीर (प्रमुख) मानते थे और उसे प्रोफेसर के नाम से भी पुकारा जाता था। जांच एजेंसियों को अब यह भी आशंका है कि उत्तर प्रदेश में तैयार किए गए आतंकियों की मदद से महाराष्ट्र व दिल्ली समेत अन्य राज्यों में घटनाएं कराने की साजिश भी रची जा रही थी। वजीहुद्दीन अपने आका रिजवान के माध्यम से साकिब के सीधे संपर्क में रहा है।