गंगासागर। काशी के सुमेरु मठ के पीठाधीश्वर स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती जी महाराज ने राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सबसे योग्य व्यक्ति बताया है। मकर संक्रांति पर गंगासागर में पुण्य स्नान करने आए स्वामी नरेन्द्रानंद ने कहा- ‘प्रधानमंत्री के हाथों राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर किसी तरह का विरोध नहीं होना चाहिए। इसे लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।’
पहले अयोध्या या मंदिर जाने से डरते थे प्रधानमंत्री
स्वामी ने आगे कहा कि इससे पहले जो प्रधानमंत्री हुए हैं, वे मस्जिद व गुरुद्वारा तो जाते थे, लेकिन अयोध्या व मंदिर जाने से डरते थे, क्योंकि उन्हें अपनी कुर्सी खोने का भय सताने लगता था। नरेन्द्र मोदी मंदिर जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं।
पीएम का कार्यक्रम में जाना राष्ट्रहित में
पीठाधीश्वर ने कहा कि पीएम मोदी धर्मनिष्ठ हैं, शाकाहारी है, नवरात्र का व्रत करते हैं। उनके जैसे आस्तिक व्यक्ति ने हर क्षेत्र में विकास किया है। 500 वर्ष व लगभग पौने पांच लाख बलिदानों के पश्चात 22 जनवरी को ऐसा शुभ अवसर आ रहा है। राम राज्य की स्थापना होने जा रही है। ऐसे कार्यक्रम में अगर प्रधानमंत्री शामिल हो रहे हैं तो यह अशास्त्रीय या अमर्यादित नहीं, बल्कि राष्ट्रहित में हैं।