ग्रेटर नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से तय समय के मुताबिक सितंबर से विमानों की उड़ान मुश्किल नजर आ रही है। दरअसल अब तक पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग में लगने वाली स्टील की आपूर्ति विदेश से नहीं हो पाई है।
इसमें और कितना समय लगेगा इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। वहीं दूसरी तरफ एटीसी टावर, रनवे, अग्निशमन (एआरएफएफ), विमान बचाव का 20 प्रतिशत कार्य अभी शेष रह गया है।
विमानों का ट्रायल रन भी टला
प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट के रनवे पर विमानों का ट्रायल रन भी टल गया है। जून में ट्रायल किया जाना था, लेकिन अधूरे निर्माण के चलते फिलहाल यह संभव नहीं है।
अब तक एयरपोर्ट का 80 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो सका है। यहां 3900 मीटर लंबा रनवे बनकर तैयार है, लेकिन इस पर रोशनी का कार्य अब भी चल रहा है। किसी भी विमान के उतरने और उड़ान भरने के लिए रोशनी की अहम भूमिका होती है।
बिल्डिंग का ढांचा तैयार, अब चल रहा है ये काम
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर में फिनिशिंग का काम आखिरी दौर में है। टर्मिनल बिल्डिंग का ढांचा तैयार हो गया है। बिल्डिंग में शीशे लगाने का काम चल रहा है, लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए लगने वाली स्टील का काम कई महीने से अधूरा पड़ा है।
जब तक नहीं आएगा स्टील तब तक…
अधिकारियों के मुताबिक यह स्टील विदेश से आनी है, इसमें देरी हो रही है। यहां यात्रियों के बोर्डिंग, चेकइन और चेकआउट से संबंधित उपकरण लगने हैं, जिसे पूरा होने में अधिक समय लग सकता है। इसके चलते अब सितंबर में प्रस्तावित उड़ान मुश्किल है।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बायलाज में एयरपोर्ट को पूरा करने के लिए तीन महीने छूट की अवधि मिलेगी। इससे अधिक समय लगने पर विकासकर्ता कंपनी के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
एयरपोर्ट के संचालन में अतिरिक्त समय लगने की संभावना है। हालांकि पूरी कोशिश की जा रही है कि तय समय सितंबर तक कम से कम एक फ्लाइट शुरू कर दी जाए। टर्मिनल बिल्डिंग के अधूरे निर्माण के कारण यह समस्या हो रही है।- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ यमुना प्राधिकरण