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हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आते ही सियासत में उबाल, JMM ने दी वार्निंग, BJP ने भी सुनाई खरी-खरी


 रांची। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शुक्रवार को एक बार फिर ईडी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के मामले में उसका उपयोग कठपुतली की तरह किया गया।

महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि यह सत्य की जीत है। हेमंत सोरेन आरंभ से कहते रहे हैं कि अगर छटाक भर जमीन भी उनके नाम पर होगी तो वह राजनीति ही नहीं, इस राज्य को भी छोड़ देंगे। हेमंत सोरेन की इन बातों में ईमानदारी और सच्चाई भरी हुई है।

झारखंड के 4 करोड़ लोगों की जमानत

उन्होंने आगे कहा कि जमानत कोई आसान शब्द नहीं है। यह झारखंड के चार करोड़ लोगों की जमानत है। सुनियोजित तरीके से हेमंत सोरेन की आवाज दबाने की कोशिश हुई।

भाजपा ने ईडी का इस्तेमाल किया

उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि यह हेमंत सोरेन के खिलाफ षड़यंत्र उसकी चुनावी राजनीति थी।

उन्होंने दावा किया कि ईडी कुछ नहीं कर रही थी। उसे भाजपा ने इस्तेमाल किया। साजिश का अंत हुआ और हेमंत सोरेन जेल से बाहर आ गए।

सुप्रियों ने भाजपा को दी चेतावनी

झामुमो महासचिव ने भाजपा को खुली चुनौती देते हुए कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव समय पहले ही क्यों न हो जाए, भाजपा दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाएगी।

सुप्रियो ने कहा कि भाजपा के नेता समझ लें कि राज्य का पूरा क्षेत्रफल यहां के झारखंडियों का है और उनके प्रतिनिधि हेमंत सोरेन हैं। हम संघर्ष करना जानते हैं। भाजपा को नहीं भूलना चाहिए कि झारखड संघर्ष की भूमि है और संघर्ष हमारे डीएनए में है।

सिर्फ जमानत मिली है, दोष मुक्त नहीं हुए हैं हेमंत: भाजपा

भाजपा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर पलटवार करते हुए कहा है कि हेमंत सोरेन को उच्च न्यायालय के सिंगल बेंच ने जमानत दिया है तो मोर्चा इस तरीके से उत्सव मना रहा है जैसे उनको सारे आरोपों से दोष मुक्त कर दिया गया।

प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जमानत अदालत की प्रक्रिया का एक हिस्सा होता है। इस पर इतना छाती ठोकर दंभ भरने की आवश्यकता नहीं है। पूरे मुकदमे का ट्रायल अभी बाकी है। झारखंड मुक्ति मोर्चा अभी से हेमंत सोरेन को दोष मुक्त मानकर अदालत की अवमानना कर रहा है।

कोर्ट ने हेमंत पर लगे आरोपों को प्रथमदृष्टया पाया सही

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने हेमंत सोरेन के खिलाफ जमीन घोटाले में लगे आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया था।

उन्होने कहा कि हेमंत सोरेन ने उच्च न्यायालय में जब अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, तो केस में तीन मई को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति नवनीत कुमार की बेंच ने अपने जजमेंट में प्रथम दृष्टया हेमंत सोरेन के खिलाफ लगे आरोपों को सही माना था। हाई कोर्ट की डबल बेंच ने ईडी की प्रारंभिक कार्रवाई को भी जायज ठहराया था।

हेमंत सरकार पर कई मामलों में संगीन आरोप

प्रतुलदेव ने कहा कि उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से बरामद 36 लाख रुपये को लेकर उनके द्वारा दिए गए जवाब में माता-पिता के इलाज का पैसा रखने की दलील को भी सही नहीं माना था।

उन्होंने आगे कहा कि सुविधा की राजनीति के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा सिर्फ जमानत के सीमित मुद्दे पर दिए गए उच्च न्यायालय के सिंगल जज के जजमेंट को दिखा रहा है। हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ कई मामलों में संगीन आरोप हैं।