श्रीनगर/ जम्मू। देर शाम को झमाझम बारिश से हिमकोटी क्षेत्र में जगह-जगह पहाड़ों से पत्थर गिरने से मां वैष्णो देवी का बैटरी कार मार्ग रात को बंद कर दिया गया।
इसके चलते श्रद्धालु पारंपरिक मार्ग से ही आ-जा रहे हैं। उधर, किश्तवाड़-गुलाबगढ़ मार्ग छह दिन बाद भी नहीं खुल पाया।
प्रशासन ने कीरू परियोजना के काम में लगी कंपनी को भी सहायता के लिए लगाया, फिर भी प्रयास नाकाम रहा। अब 118 आरसीसी पर ही दारोमदार टिका है, लेकिन आरसीसी के पास भी अभी कोई ठोस योजना नहीं बन पा रही है।
118 आरसीसी के ऑफिसर कमांडिंग ने कहा कि अभी इसमें और समय लग सकता है, लेकिन कितना समय लगेगा यह उन्होंने नहीं बताया। पहाड़ से मलबा अधिक गिरा है।
जम्मू में मानसून के दस्तक देने से शुक्रवार को यहां अधिकतम तापमान श्रीनगर के बराबर पहुंच गया है। राहत पाने के लिए वे दिनभर आसमान को तकते रहे, लेकिन शाम तक कुछ क्षेत्रों को छोड़ कर कहीं वर्षा नहीं हुई। जम्मू का अधिकतम तापमान 34.3 और श्रीनगर का तापमान 34.2 डिग्री रहा। झुलसा देने वाली गर्मी से बेहाल कश्मीर के लोग शुक्रवार को भी शुष्क मौसम से जूझते रहे।
कश्मीर घाटी में गर्मी से हाल बेहाल
अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर पहलगाम में दोपहर से शाम तक बारिश जारी रही। वहीं जम्मू संभाग में सुबह-शाम वर्षा का सिलसिला चल रहा है। जबकि, कश्मीर घाटी में गर्मी से स्थानीय नागरिकों के साथ पर्यटक भी बेहाल हैं।
मौसम विभाग ने शनिवार को कश्मीर में अधिकांश इलाकों में सामान्य से भारी बारिश की संभावना जताई है। शुक्रवार को तड़के से श्रीनगर समेत अधिकांश इलाकों में आसमान आंशिक तौर पर बादलों से ढका रहा लेकिन कहीं भी बादल नहीं बरसे। श्रीनगर समेत अधिकांश स्थानों पर तापमान सामान्य से ऊपर बना रहा।
कश्मीर में अधिकांश जगहों पर अधिकतम तापमान 30 से अधिक चल रहा है। इनमें पर्यटनस्थल भी शामिल हैं। जम्मू में सुबह और शाम को भी तेज वर्षा से मौसम सुहावना हो गया, लेकिन उमस से लोग परेशान रहे। करीब सात बजे वर्षा शुरू बारिश करीब एक घंटे तक जारी रही।
12 जुलाई से घाटी में मानसून होगा सक्रिय
नदी-नाले उफान पर रहे। मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार ने कहा, पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव छह जुलाई तक ही रहेगा। इसके बाद सात से 12 जुलाई तक घाटी में मानसून सक्रिय रहेगा।
वहीं, कठुआ के पहाड़ी क्षेत्रों, उधमपुर, रियासी, पुंछ, राजौरी आदि क्षेत्रों में तेज बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है।
करीब दो घंटे तक बारिश हुई। वहीं, माता वैष्णो देवी में लगातार चार दिनों से हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके। बारिश से बैटरी कार मार्ग पर हिमकोटी क्षेत्र में जगह जगह पहाड़ों से पत्थर मार्ग पर गिरने लगे।
कई जगहों पर पानी जमा होने की कीचड़ हो गया। एहतियात के तौर पर श्राइन बोर्ड ने मार्ग को रात आठ बजे बंद कर दिया।
सफर करने से पहले कंट्रोल रूम से पूरी जानकारी लें
मौसम को देख ट्रैफिक कंट्रोल रूम ने भी चेतावनी जारी की है कि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर निकलने से पहले कंट्रोल रूम से पूरी जानकारी लेने के बाद ही सफर करें।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग लोगों को दरिया, नदी नालों से दूर रहने के लिए का है। खासकर बचों को छोटे-छोटे नालों की ओर जाने से भी रोकने के लिए कहा गया है।