आगरा। Agra News: फतेहपुर सीकरी या विजयपुर सीकरी वाद में बुधवार को अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-1 के न्यायालय में सुनवाई हुई। प्रतिवादी पद्मश्री केके मोहम्मद की ओर से अधिवक्ता विवेक कुमार ने वकालतनामा लगाया। उन पर फतेहपुर सीकरी के इतिहास को विकृत करने का आरोप वाद में लगाया गया है।
फतेहपुर सीकरी या विजयपुर सीकरी विवाद में पद्मश्री केके मोहम्मद पर फतेहपुर सीकरी के इतिहास को विकृत करने का आरोप है। बुधवार को अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन)-1 के न्यायालय में सुनवाई हुई। इस केस में वादी आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह हैं। अजय प्रताप सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी का मूल नाम विजयपुर सीकरी है जिसे बाबर ने बदला था।
वादी आर्य संस्कृति संरक्षण ट्रस्ट के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि केके मोहम्मद ने अपने कार्यकाल में अकबर के इबादतखाना नाम के स्मारक का निर्माण फतेहपुर सीकरी में किया था। इस तथ्य की जानकारी उन्हें डा. डीवी शर्मा की पुस्तक आर्कियोलॉजी ऑफ फतेहपुर सीकरी से हुई।
अजय सिंह ने बताया, कि डा. डीवी शर्मा, केके मोहम्मद से पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्त्वविद रहे हैं। शर्मा ने अपने कार्यकाल में फतेहपुर सीकरी के वीर छबीली टीले के उत्खनन में 1000 ईस्वी के हिन्दू सभ्यता के प्रमाण खोजे थे, जिस कारण राजनीतिक दबाव के चलते आगरा सर्किल से उनका स्थानांतरण करवा दिया गया। इससे फतेहपुर सीकरी का सत्य सभी के सामने आने से रह गया। अजय प्रताप सिंह ने बताया कि फतेहपुर सीकरी का मूल नाम विजयपुर सीकरी है, जिसे बाबर ने बदला था। फतेहपुर सीकरी को सिकरवार राजाओं द्वारा बसाया गया था। अगली सुनवाई छह दिसम्बर को होगी