Latest News TOP STORIES Uncategorized उत्तर प्रदेश वाराणसी

अधिवक्ता और पुलिस आमने-सामने, हड़ताल का माहौल


आज न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे अधिवक्ता,मुकदमा दर्ज होने से आक्रोशित है वकील समुदाय,कई पुलिस अफसरों के खिलाफ कोर्ट में दाखिल की याचिका
कचहरी परिसर में गत दिनों हुए दरोगा से मारपीट और लूट का मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिवक्ता समुदाय और पुलिस विभाग आमने-सामने हो गया है। वही कचहरी में कई दिनों से हड़ताल का माहौल बना हुआ है। वही अधिवक्ताओं द्वारा शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत रहने की घोषणा की गयी है। वही वकील समुदाय के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से काफी आक्रोशित हैं। उन्होंने वाराणसी के कई पुलिस अफसरों के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल कर दिया है। इसपर न्यायालय ने इस गंभीर प्रकरण की सुनवाई की तिथि २० सितम्बर मुकर्रर की है।
एडीसीपी समेत कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ पड़ी याचिका
वकील पुलिस विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में एडीसीपी नीतू कात्यान, एसीपी क्राइम विदुष सक्सेना, एसीपी कैंट नितिन तनेजा, थाना प्रभारी कैंट समेत ५० अज्ञात दरोगा व ५० अज्ञात सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश के लिए अर्जी दी गयी है। प्रकरण के अनुसार अधिवक्ता राघवेंद्र नारायण दुबे ने बीएनएसएस की धारा १७३ (४) के तहत कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। प्रार्थनापत्र में कहा गया है कि १६ सितम्बर २०२५ को शाम तीन बजे कुछ अधिवक्ताओं ने उन्हें सूचना दी कि थाना प्रभारी कैंट, पुलिस चौकी प्रभारी कचहरी गेट नंबर दो के अंदर आकर वरिष्ठ अधिवक्ताओं को गालियां देते हुए लाठी डंडे से मारपीट रहे है। इसकी सूचना जिला जज को देने के बाद मौके पर पहुंचा, तो देखा, कि गेट पर एडीसीपी नीतू कात्यान व कैंट थाना प्रभारी गेट का ताला बंद कर दिए। पुलिस कमिश्नर से वार्ता के बाद करीब ४० मिनट के बाद गेट खोला गया। इस दौरान चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी मिलकर अधिवक्ताओं व न्यायिक अधिकारियों का भद्दी भद्दी गालियां दे रहे थे। इस मामले की लिखित सूचना अगले दिन १७ सितंबर को पुलिस कमिश्नर को दी गयी, जब वहां से कोई काररवाई नहीं हुई, तो अधिवक्ता ने न्यायालय की शरण ली।
अधिवक्ता और पुलिस विवाद ने पकड़ा हड़ताल का रूप
शुक्रवार को बनारस के आह्वïान पर साधारण सभा आहूत की गयी थी जिसमें की भारी संख्या में अधिवक्ताओं ने हिस्सा लिया और पुलिस एवं वकील विवाद पर चर्चा हुई। अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया पुलिस प्रशासन द्वारा जानबूझकर अधिवक्ताओं का उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस कमिश्नर ऑफिस में जाने पर अधिवक्ताओं के साथ गाली गलौज की जा रही है तथा अधिवक्ताओं की गाड़ियों का मनमाना चालान करते हुए उन्हें सीज किया जा रहा है। पुलिस कि यह काररवाई अधिवक्ताओं के विरुद्ध बदले की भावना से हो रहा है। सेंट्रल बार अध्यक्ष ने बताया कि ११ सदस्य बनने के बाद हम सभी के साथ पुलिस कमिश्नर के मिलने गये और पूरे मामले को समाप्त करने की बात किया परंतु पुलिस द्वारा इस मुद्दे पर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया गया। सेंट्रल बार अध्यक्ष की बात सुनने के बाद अधिवक्तागण काफी आक्रोशित हो गये और आगे किसी भी प्रकार की बातचीत न करने की बात करते हुए अधिवक्ताओं ने आर-पार की लड़ाई लड़ने की बात कही। अधिवक्ताओं ने कहा कि अब तक हम लोग इस पूरे मामले को सकारात्मक रूप से सुलझाना चाहते थे लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा हम लोगों की कमजोरी समझी गयी जिसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। अब हम अधिवक्ता समाज आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। बनारस का अध्यक्ष ने शनिवार को सांकेतिक हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि यदि पुलिस प्रशासन अधिवक्ताओं का उत्पीड़न बंद नहीं करेगा, तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन के लिए कर दी जायेगी और अधिवक्ता आंदोलित होकर रोड पर निकलेंगे उसके बाद की स्थिति के लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार होगा सभा का संचालन बनारस बार महामंत्री शशांक श्रीवास्तव ने किया तथा सभा की अध्यक्षता बनारस बार अध्यक्ष सतीश तिवारी ने किया।
————————